अल्मोड़ा में सैनिकों के शौर्य और बलिदान को याद करते हुए मनाया गया 25वां कारगिल विजय दिवस
अल्मोड़ा, 26 जुलाई 2024
अल्मोड़ा के छावनी क्षेत्र ईदगाह स्थित शहीद स्मारक स्थल पर 25वां कारगिल विजय दिवस सैनिकों के शौर्य और बलिदान को याद करते हुए मनाया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि यह दिन भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान को स्मरण करने का है, जिसने 1999 के कारगिल युद्ध में अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, निवर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, और गैरीसन अल्मोड़ा के प्रभारी कमान अधिकारी कैप्टन अमनदीप सिंह समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
जिलाधिकारी विनीत तोमर ने कारगिल दिवस के शहीदों को नमन करते हुए कहा, "देश की रक्षा सर्वोपरि है। हमें उन जवानों पर गर्व करना चाहिए जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान हमें हमेशा याद रखना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि हमें उन परिवारों को भी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्रियजनों को खोया।
शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान गैरीसन अल्मोड़ा की सैन्य टुकड़ी ने शहीदों के सम्मान में सलामी दी और दो मिनट का मौन रखा गया। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस अवसर पर शहीदों की वीर नारियों - सरस्वती माया घले, सावित्री देवड़ी, कमला देवी, और मुन्नी देवी - को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। ये सभी वीर नारियां उन शहीदों की पत्नियां हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी।
कारगिल विजय का ऐतिहासिक महत्व:सीएसके गुप्ता
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर (सेनि) सीएसके गुप्ता ने कारगिल युद्ध के कारणों और उसके विजय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "कारगिल युद्ध भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए जीता। इस युद्ध में देश के 527 जवान शहीद हुए थे। उनकी स्मृति में हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।"
इस अवसर पर जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की गई और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित किया गया।
यह लोग रहे मौजूद
समारोह में अध्यक्ष सैनिक लीग अल्मोड़ा सीपीओ दिनेश चन्द्र तिवारी, आ. कैप्टन हीरा सिंह, प्रशासनिक अधिकारी हरीश सिंह, विजय शंकर, महेन्द्र सिंह मेहरा, राजकुमार बिष्ट, कैलाश चन्द्र काण्डपाल, देवेन्द्र कुमार, मदन सिंह, हेमन्त लाल वर्मा, ब्लॉक प्रतिनिधि हवलदार पूरन सिंह सिराड़ी, सूबेदार एम.एस. बिष्ट, सीपीओ सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, सीपीओ एस.एस. बिष्ट, पीजी गोस्वामी, विनोद गिरि, सुरेन्द्र लाल टम्टा, पूरन सिंह मेहता, राजेश बिष्ट, गैरीसन अल्मोड़ा के जेसीओ, जवान, गौरव सेनानी सैनिक/वीर नारियां, एनसीसी कैडेट और गणमान्य लोग मौजूद रहे।