हर जरूरी खबर

For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
एक छोटी सी गलती ने ले ली पत्नी और दो बच्चों की जान  हर किसी को अलर्ट करती है यह खबर

एक छोटी सी गलती ने ले ली पत्नी और दो बच्चों की जान, हर किसी को अलर्ट करती है यह खबर

05:43 PM Nov 05, 2024 IST | editor1
Advertisement

राजस्थान जालोर जिले के भीनमाल में महावीर चौराहे पर स्थित एक छोटे से घर में दिवाली की खुशियां पलभर में मातम में बदल गए। चेतन कुमार ठाकुर का परिवार उस दिन पूरी तरह खुश था।

Advertisement
Advertisement

उन्होंने धनतेरस के अवसर पर नई बाइक खरीदी थी और पूरी योजना थी कि जल्दी ही अपनी पत्नी कविता और बच्चों के साथ बाहर घुमने जाएंगे। मगर उस दिन ने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया।

Advertisement

Advertisement

चेतन कुमार ठाकुर, जो भीनमाल में एक निजी स्कूल चलाते है। उन्होंने बताया कि 3 नवंबर को सुबह वह सिरोही फाइनेंस का काम निपटाने के लिए निकले थे। घर में पत्नी कविता और दो बच्चे गौरवी 5 साल और ध्रुव 10 साल ही थे। चेतन ने बच्चों से कहा था कि वह जल्द ही लौट आएंगे और फिर सभी साथ में घूमने जाएंगे। लेकिन कुछ ही घंटों में यह परिवार त्रासदी का शिकार हो गया।

Advertisement

सिरोही में फाइनेंस का काम पूरा करने के बाद, चेतन को पड़ोसियों का फोन आया। जिसमें बताया गया कि उनके घर में आग लग गई है। जैसे ही वह घर पहुंचे, उनके सामने एक दिल दहला देने वाला दृश्य था। उनकी पत्नी और बच्चों की लाशें जल चुकी थीं। उस छोटे से कमरे में एसी में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी और बंद खिड़कियों के कारण धुआं कमरे में भर गया। कविता और बच्चे सो रहे थे और कोई भी बाहर निकलने का मौका नहीं पा सका।

शादी के बाद 2011 से उनकी जीवन की यात्रा खुशी और प्यार से भरी हुई थी। दीपावली पर कविता ने लाल साड़ी पहनी थी और बच्चों ने नए कपड़े खरीदे थे। यह तस्वीर अब उनकी जीवन की अंतिम तस्वीर बनकर रह गई। पुलिस और एफएसएल की प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना गया है।

इस दिल दहला देने वाली घटना ने चेतन कुमार ठाकुर को बुरी तरह झकझोर दिया है। वह बार-बार सोचते हैं कि यदि वह उस दिन घर से न निकलते तो शायद उनके परिवार की खुशियां अब भी सलामत होतीं

कल ही एक चिता पर पत्नी और दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया है। पुलिस ने बताया कि दम घुटने के कारण तीनों बेहोश हो गए थे। उसके बाद आग लगी तो उनके शव अस्सी फीसदी तक जल गए। बस शवों के कुछ हिस्से ही बचे थे, जिनका की परिवार ने अंतिम संस्कार किया है।

Advertisement
×