अब दीपावली बस आने ही वाली है जिसको लेकर खुशी का माहौल है। लेकिन इस उत्साह के बीच पेट्रोल पंपों की बंदी ने आम जनता की चिंताएं बढ़ा दी हैं। जैसे-जैसे दीपावली के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, वाहनों का उपयोग भी बढ़ जाता है।ऐसे में पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता महत्वपूर्ण हो जाती है। लेकिन विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंप संचालकों के हड़ताल पर जाने से आपूर्ति में व्यवधान पैदा हो रहा है।पुणे में पेट्रोल पंप संचालकों ने दोषपूर्ण टेंडर प्रक्रियाओं के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। इन संचालकों का कहना है कि पेट्रोलियम कंपनियाँ टेंडर प्रक्रिया को अनुचित तरीके से संचालित कर रही हैं, जिससे ईंधन की चोरी में इजाफा हो रहा है। यह आरोप है कि अव्यवहारिक दरों पर टेंडर जारी करने और वितरकों को अधूरे समझौतों पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया जा रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।पेट्रोलियम कंपनियों पर टेंडर प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी के आरोप हैं। इन कंपनियों का कहना है कि वे सभी नियमों का पालन करते हैं परंतु पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार ये प्रक्रियाएँ अक्सर उन्हें नुकसान में डाल देती हैं। इससे न सिर्फ उनका नुकसान होता है बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता है। ईंधन की सुरक्षित परिवहन और भंडारण के लिए उचित उपायों की मांग उठ रही है।इस हड़ताल का असर सीधे तौर पर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। वाहन चालकों को ईंधन की कमी के चलते असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, और इससे दीपावली के त्यौहार की खुशियों पर भी असर पड़ सकता है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए वार्ता और समझौता जरूरी है। पेट्रोल पंप संचालकों और पेट्रोलियम कंपनियों के बीच संवाद की आवश्यकता है ताकि उपभोक्ताओं को इस हड़ताल के नकारात्मक प्रभावों से बचाया जा सके।