हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर हर रोज नई अपडेट सामने आ रही है। जहां मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आशावान है लेकिन साथ ही वो एंटी बीजेपी वोटो को बंटने नही देना चाहती। इसके चलते माना जा रहा है कि कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए सपा और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हो गई है।इस समय फ्रंट फुट पर पर चल रही कांग्रेस ने अपनी एकला चलो की नीति को किनारे रखकर आप और सपा को तरजीह देने के फैसले से जहां आप और सपा को अपना आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी तो वही एंटी बीजेपी वोट नही बंट सकेंगे। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने शायद यह फैसला गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए लिया है जहां आप कई सीटो पर खेल बिगाड़ने की स्थिति में है। इसके साथ ही कांग्रेस की नजर दिल्ली विधानसभा चुनावों पर भी है और यहां आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में है।गठबंधन की रणनीति: सीटों का बंटवारासूत्रों के अनुसार, हरियाणा में प्रस्तावित इस गठबंधन में आम आदमी पार्टी (आप) को 5 से 7 सीटें मिल सकती है जबकि समाजवादी पार्टी को 1 से लेकर 2 सीटें और लेफ्ट को 1 सीट मिल सकती है। हालाँकि, अभी यह कयास ही है और अभी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले में फैसला लेना है। बताया जा रहा है कि लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से विपक्षी एकजुटता पर जोर देने के बाद यह चर्चाएं और ज्यादा तेज हो गई है।राहुल गांधी ने दिया विपक्षी एकजुटता पर जोरबताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इन दलों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया जाएंगा। कांग्रेस में हरियाणा चुनाव को लेकर गठबंधन की चर्चाओं ने तब जोर पकड़ा जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता को लेकर बात की।बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने समान विचारों वाले दलों के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अपनी राय के बारे में बताने को कहा।हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी दिए ऐसे संकेतकांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस पार्टी के हरियाणा राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी इस गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया के कांग्रेस में इसको लेकर बात की जा रही है। उन्होंने जल्द ही गठबंधन के बारे में निर्णय लिए जाने की बात कही,साथ ही कहा कि इसपर पार्टी हाईकमान की ओर से ही अंतिम निर्णय लिया जाना है।आप सांसद संजय सिंह ने भी किया स्वागत हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी भी एक्टिव मोड में दिख रही है। हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी के इंडिया गठबंधन के एक साथ चुनाव लड़ने की पहल का आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने स्वागत करते हुए कहा प्राथमिकता भाजपा को हराना है। उन्होंने कहा कि पार्टी के हरियाणा प्रभारी संदीप पाठक और सुशील गुप्ता की राय के बाद पार्टी सु्प्रीमो अरविंद केजरीवाल ही इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे।हरियाणा में है कांग्रेस और आपको एक दूसरे की मदद की दरकार हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों का अगर गठबंधन हो जाता है तो एक और आप को पार्टी विस्तार में मदद मिलेगी तो वही कांग्रेस एंटी भाजपा वोटर्स को बिखरने से बचाने के लिए अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहेगी।हरियाणा के बहाने गुजरात पर है कांग्रेस का फोकस कांग्रेस इंडिया गठबंधन के सहारे से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करना चाहती है और 2024 के लोकसभा चुनावों में कुछ हद तक कांग्रेस एंटी बीजेपी वोटो को बिखरने से बचा पाई। इसकी वजह से पार्टी ने अब एकला चलो की नीति से पीछे हटने का फैसला लिया है। हरियाणा में गठबंधन हुआ और यह प्रयोग अगर सफल रहा तो गुजरात विधानसभा चुनावों में भी इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ सकता है। गुजरात में कांग्रेस एक लंबे अरसे से सत्ता से बाहर है तो वही गुजरात में आम आदमी पार्टी का गुजरात में भी अच्छा खासा वोट बैंक है और इसलिए कांग्रेस भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा में बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए सपा और आम आदमी पार्टी को तरजीह दे रही है। वही दिल्ली में भी आप का मजबूत संगठन है और कांग्रेस को दिल्ली में आप की जरूरत की दरकार है।