अल्मोड़ा: वनाग्नि प्रबंधन हेतु शीतलाखेत मॉडल को उत्तराखंड प्रदेश में लागू किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के क्रम में रूद्रप्रयाग वन पऱभाग से 39 सदस्यों का एक दल कल रात शीतलाखेत पहुंच गया है।इस दल में 33 वन सरपंच और 7 वन कर्मचारी शामिल हैं।दल का नेतृत्व प्रीतम सिंह तोमर उपवन क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं। दल को आज सुबह ग्रामीणों तथा वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से विकसित ए एन आर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया।दल को बताया गया कि यदि किसी भी वन क्षेत्र को आग से सुरक्षित रखा जाये तो उस क्षेत्र में प्राकृतिक पुनरोत्पादन से , बिना पौधरोपण के जंगल विकसित हो जाता है। इसके अलावा भ्रमण दल को वनाग्नि नियंत्रण हेतु निर्मित फायर पट्टीयों का भी निरीक्षण कराया गया जिन फायर पट्टीयों के सहारे गर्मियों मे जंगलों की आग को अनियंत्रित होने से रोका जायेगा।दोपहर में भ्रमण दल को जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान के मुख्य सहयोगी गांव नौला का भ्रमण कराया गया जहाँ महिला मंगल दल अध्यक्ष रेनू देवी, तुलसी देवी, तारा कारकी , ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नवीन टमटा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दल का भव्य स्वागत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता देवकी देवी ने तथा संचालन नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा किया गया।कार्यक्रम में नौला की मातृ शक्ति द्वारा भ्रमण दल के सदस्यों को जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान की जानकारी दी गयी। बताया कि पानी हवा और क्लाइमेट के लिए बेहद जरुरी जंगलों को बचाने में वो हमेशा वन विभाग को सहयोग दे रहे हैं. नौला गाँव की महिलाओं के सहयोग से वन विभाग ने इस इलाके के जंगलों में पिछले 12 सालों से आग नहीं लगने दी है। महिलाओं ने जंगल बचाने में जुटी महिलाओं को लगातार मदद करने के लिए प्लस एपरोच फाउंडेशन का आभार जताया.शाम को भ्रमण दल को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव जीवन में जंगल के महत्व, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन की जानकारी दी गयी और शीतलाखेत मॉडल के बारे में बताया गया।हेम चंद्र , उप वन क्षेत्राधिकारी, हरीश बिष्ट, अधयक्ष गणेश पाठक, सचिव स्याही देवी विकास मंच,तारा देवी, नारायण राम, लछमा देवी, कमला देवी,गीता देवी, मंजू देवी,पूरन , दीवान सिंह ढेला, कुमारी कविता मेहता, राधा परिहार, पूजा, प्रियंका देवी , गौरव, श्याम कुमार, फार्मेसी अधिकारी गजेंद्र पाठक सहित बड़ी संख्या जंगल के दोस्त उपस्थित रहे।