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अल्मोड़ा  फायर सीजन से पूर्व इन गांवों की सराहनीय पहल  बैठक कर वनाग्नि से वनों को बचाने का संकल्प

अल्मोड़ा: फायर सीजन से पूर्व इन गांवों की सराहनीय पहल, बैठक कर वनाग्नि से वनों को बचाने का संकल्प

11:10 AM Nov 16, 2024 IST | editor1
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Almora: Commendable initiative of these villages before the fire season, resolution to save forests from forest fire by meeting

अल्मोड़ा: फायर सीजन से पूर्व वनाग्नि के विषय में जागरूकता फैलाने और वनाग्नि नियंत्रण में जन सहयोग जुटाने के उद्देश्य से अल्मोड़ा वन प्रभाग अंतर्गत शीतलाखेत अनुभाग द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के क्रम में दो अलग अलग बैठकों का आयोजन गरसारी और सूरी ग्राम सभाओं में किया गया।
जिसमें सूरी, गरसारी, पड़यूला और बरसीला गांवों की महिलाओं और जनप्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
ग्राम सभा गरसारी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान गंगा देवी और सूरी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता महिला मंगल दल अध्यक्षा रेनू परिहार ने की।
कार्यक्रम का संचालन कुमारी रूचि पाठक और कुमारी राधा परिहार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में वन उपक्षेत्राधिकारी हेम चंद्र ने वनाग्नि को जंगलों, जैव विविधता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए सभी ग्रामवासियों से वनाग्नि प्रबंधन और वनाग्नि नियंत्रण में वन विभाग को सहयोग देने की अपील की‌।
वक्ताओं ने कहा कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं से पर्वतीय इलाकों का जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जल स्रोत सूख रहे हैं, मानव वन्य जीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, पहाड़ों में गर्मी बढ़ रही है जिससे खेती, बागवानी में नुकसान हो रहा है।
बेहद विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले भू भाग में जंगलों को आग से सुरक्षित रखना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है,इसलिये जंगलों को आग से बचाने में वन विभाग को सहयोग दिया जाना चाहिए। ताकि नौले, धारे गाड़ गधेरे सुरक्षित रहें और जंगली जानवरों का आतंक कम हो. वक्ताओं ने हर साल जंगलों में आग लगने से मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जंगलों को बचाने के लिए आगे आने की अपील की।
बैठकों में निर्णय लिया गया कि 20 वर्ष पूर्व
वर्ष 2003-04 से क्षेत्र में जंगल के दोस्तों द्वारा वन विभाग के सहयोग से चल रहा जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान को मजबूत किया जायेगा।
शीतकालीन जलौनी लकड़ी हेतु सूखी, गिरी पड़ी लकड़ियों, कूरी की लकड़ियों का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जायेगा।
किसी भी दशा में बांज, बुरांश, काफल, उतीश, अंगयार आदि चौड़ी पत्ती पेड़ों को नहीं काटा जायेगा।
पिछले वर्षों की तरह ओण /आड़ा /केड़ा जलाने की कार्रवाई फरवरी माह में पूरी कर ली जायेगी.
वन विभाग के साथ मिलकर जनवरी माह में कण्ट्रोल बर्निंग के तहत 20-30 फ़ीट चौड़ी फायर पट्टीयों का निर्माण किया जायेगा जिन फायर पट्टीयों के सहारे गर्मियों में आग कों बेकाबू होने और एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में फैलने से रोकने में किया जायेगा।
बैठक में यह मांग भी की गयी लम्बे समय से वनाग्नि नियंत्रण में वन विभाग कों सहयोग दे रहें स्याहीदेवी शीतलाखेत क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों के जंगल के दोस्तों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया जाये।
दोनों बैठकों में अनीता देवी, पार्वती देवी, नीमा देवी, चना देवी, मंजू देवी, हेमा पाठक, गीता देवी, दीपा देवी, शांति देवी पूर्व प्रधान धरम सिंह, सरपंच राजेंद्र कनवाल, भूपाल सिंह परिहार,सामाजिक कार्यकर्त्ता तारा सिंह परिहार, किशन सिंह,वन बीट अधिकारी प्रकाश टम्टा, दीवान सिंह ढेला, कुमारी कविता मेहता, जंगल के दोस्त समिति के सलाहकार गजेंद्र पाठक,रोनीता राय, अभिषेक सरकार समेत करीब 150 लोगों ने प्रतिभाग किया।

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