अल्मोड़ा: वनाग्नि प्रबंधन हेतु शीतलाखेत मॉडल को उत्तराखंड प्रदेश में लागू किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के क्रम में रूद्रप्रयाग वन प्रभाग से 36 सदस्यों का एक दल कल रात शीतलाखेत पहुंच गया है।दल में 31वन सरपंच और5 वन कर्मचारी शामिल हैं।दल का नेतृत्व हरीश थपलियाल वन क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं।भ्रमण दल को आज सुबह ग्रामीणों तथा वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से विकसित ए एन आर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। दल को बताया गया कि यदि किसी भी वन क्षेत्र को आग से सुरक्षित रखा जाये तो उस क्षेत्र में प्राकृतिक पुनरोत्पादन से , बिना पौधरोपण के जंगल विकसित हो जाता है।इसके अलावा भ्रमण दल को वनाग्नि नियंत्रण हेतु निर्मित फायर पट्टीयों का भी निरीक्षण कराया गया जिन फायर पट्टीयों के सहारे गर्मियों मे जंगलों की आग को अनियंत्रित होने से रोका जायेगादोपहर में भ्रमण दल को जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान के सहयोगी गांव डाल का भ्रमण कराया गया जहाँ महिला मंगल दल अध्यक्ष हेमा देवी, गंगा देवी , देबुली देवी , ग्राम प्रधान हर्ष सिंह सरपंच कुंवर सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दल का भव्य स्वागत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता हेमा देवी तथा संचालन नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा किया गया.कार्यक्रम में डाल की मातृ शक्ति द्वारा भ्रमण दल के सदस्यों को वनाग्नि प्रबंधन मॉडल की जानकारी दी गयी। बताया कि पानी हवा और क्लाइमेट के लिए बेहद जरुरी जंगलों को बचाने में वो हमेशा वन विभाग को सहयोग दे रहे हैं। 31 मार्च से पहले ओण जलाने की कार्रवाई पूरी कर जंगल को आग से सुरक्षित रखने मे वन विभाग को सहयोग कर रहे हैं।शाम को भ्रमण दल को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव जीवन में जंगल के महत्व, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन की जानकारी दी गई और और वनाग्नि प्रबंधन में शीतलाखेत मॉडल की उपयोगिता के बारे में बताया गयाहेम चंद्र उप वन क्षेत्राधिकारी, गणेश पाठक, सचिव स्याही देवी विकास मंच, तारा देवी, लछमा देवी, कमला, मोहन चौहान, धनी राम , त्रिलोक सिंह, गीता देवी, मंजू देवी, पूरन , दीवान सिंह , प्रकाश टमटा, गौरव, गजेंद्र पाठक सहित बड़ी संख्या ग्रामवासी उपस्थित रहे।