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योगी आदित्यनाथ के इस्तीफा को लेकर चल रही अफवाहों के बीच योगी सरकार ने बैठक मे लिए चार बड़े फैसले

06:33 PM Jul 18, 2024 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी निराशाजनक दिखाई दिए और अब प्रदेश भाजपा में मचे घमासान के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आज बुलाई गई अहम बैठक में कुछ चर्चा हुई, जिसका खुलासा अब हुआ है।

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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से चल रही प्रतिद्वंद्विता के बीच मुख्यमंत्री योगी ने अपनी सुपर 30 टीम के सामने चार बड़े मुद्दों पर चर्चा की और इसे कैसे लागू किया जाए इस पर भी चर्चा हुई।

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1.पीडीए फॉर्मूले पर चर्चा

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दरअसल, समाजवादी पार्टी की ओर से सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला निकाला गया, जिसके तहत पीडीए फॉर्मूला अपनाया गया। पीडीए फॉर्मूला यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक फॉर्मूला…लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए यह फॉर्मूला शानदार तरीके से काम आया। सपा को लोकसभा चुनाव में अच्छा फायदा मिला। अब पार्टी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के साथ-साथ 2027 के विधानसभा चुनाव तक इसे और बढ़ाना चाहती है। भाजपा भी इस फार्मूले पर जोर-शोर से और गहराई से काम करना चाहती है।

2.सभी वर्गों तक अपनी पहुंच

पार्टी के अंदर कहा जा रहा था कि किसी न किसी स्तर पर पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ताओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव के नतीजे में भुगतना पड़ा। कार्यकर्ता भी पार्टी से नाराज दिख रहे हैं। खासकर अयोध्या सीट का जिक्र भी इसमें काफी अहमियत रखता है।

3.उपचुनाव की 10 विधानसभा सीटों पर जीत

उपचुनाव की 10 विधानसभा सीटों पर जीत के लिए बनी रणनीति- उत्तर प्रदेश की फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी सीटों के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, जबकि दसवीं सीट सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी पर आपराधिक मुकदमा होने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने से खाली हुई है। अब पार्टी का लक्ष्य इन सीटों को किसी भी तरह से जीतना है। ऐसे में इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

4.INDIA गठबंधन का भ्रम तोड़ने की कोशिश

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को देश ही नहीं बल्कि पूरे यूपी में भी काफी बढ़त हासिल हुई। यूपी के 80 सीटों में से 43 सीटों पर गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में भारत गठबंधन आगामी चुनाव को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहा है। इसमें सपा का पीडीए फॉर्मूला भी काम आ सकता है और उन्हें फायदा पहुंचा सकता है, ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि पीडीए जैसा सकारात्मक अभियान चलाकर हर वर्ग से वोट हासिल किया जाए और भारत गठबंधन का मिथक तोड़ा जाए।

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