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अब नैनीताल जाने वाले पर्यटक नदियों तालाबों और पोखरों में नहाने का आनंद नहीं ले पाएंगे। उत्तराखंड के नैनीताल प्रशासन ने नदियों तालाब और पोखरों में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। उपजिला अधिकारी के एन गोस्वामी का कहना है कि गौला, उसकी सहायक नदी कलसा एवं परिताल में नहाते वक्त बीते तीन वर्षों में चार लोगों मृत्यु हो चुकी है।
उप जिलाधिकारी के एन गोस्वामी ने कहा कि उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में भी लगातार लोगों के डूबने की खबरें आ रही हैं। लोग रील और सेल्फी के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसे में मानसून के सीजन को देखते हुए गौला नदी के साथ-साथ उसकी सहायक नदियों तालों में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उप जिलाधिकारी केएन गोस्वामी ने आगे कहा कि परीताल, भालूगाड़, हरीशताल, लोहाखाम ताल, गौला नदी और उसकी सहायक नदी कलसा में पर्यटकों और लोगों के नहाने और आने जाने पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है।
अधिकारी ने साफ कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा संहिता की धारा-40 के तहत कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। उन्होंने अधिशासी अभिंयता सिचाई हल्द्वानी को निर्देश दिए कि संबद्ध नदियों एवं तालों में प्रतिबंधित साइन बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें।