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आपके फोन पर भी है यह तीन ऐप तो हो जाए सावधान, हो सकतें हो साइबर ठगी का शिकार, गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट

07:01 PM Jan 03, 2025 IST | Newsdesk Uttranews
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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और इससे बचने के लिए सरकार लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। हालांकि, कई लोग इस जाल में फंस जाते हैं। गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम साइबर अपराधियों की प्रमुख पसंद बने हुए हैं, लेकिन इस लिस्ट में व्हाट्सएप सबसे ऊपर है।

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रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले तीन महीनों में व्हाट्सएप के जरिए साइबर धोखाधड़ी से संबंधित कुल 43,797 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके बाद, टेलीग्राम से संबंधित 22,680 और इंस्टाग्राम से संबंधित 19,800 शिकायतें आई हैं। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि साइबर अपराधी इन अपराधों को अंजाम देने के लिए गूगल की सर्विस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, और गूगल एड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल क्रॉस बॉर्डर टारगेट एड के लिए किया जा रहा है।

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साइबर धोखाधड़ी के नए तरीके
रिपोर्ट में 'Pig Butchering Scam' या 'Investment Scam' का जिक्र किया गया है, जो एक ग्लोबल घटना बन चुकी है। इसमें बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर गुलामी जैसी गतिविधियाँ भी शामिल हैं। खासकर बेरोजगार युवाओं, गृहणियों, छात्रों और जरूरतमंदों को इन ठगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। ये लोग बड़ी रकम गंवा रहे हैं, और कई लोग तो उधार लेकर इन्वेस्टमेंट करते हैं और फिर नुकसान उठाते हैं।

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साइबर क्राइम से बचने के उपाय
इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने साइबर ठगी से बचने के लिए गूगल और फेसबुक के साथ साझेदारी की है। इसके तहत डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स, उनके सिग्नल और साइबर धोखेबाजों द्वारा गूगल के फायरबेस डोमेन का दुरुपयोग करने वाले ऐप्स की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, एंड्रॉइड बैंकिंग मैलवेयर के खतरे से भी सावधान रहने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।

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गृह मंत्रालय और साइबर सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस दिशा में सक्रिय कार्रवाई कर रही हैं, और ऐसे ऐप्स की पहचान करके आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। साइबर अपराधियों के खिलाफ यह संयुक्त प्रयास आने वाले समय में और अधिक प्रभावी होने की उम्मीद है।

सावधान रहें, अपनी जानकारी साझा न करें
इस रिपोर्ट के अनुसार, साइबर ठग अब फेसबुक एड्स का इस्तेमाल करके अवैध लोन देने वाले ऐप्स को प्रमोट करते हैं। ऐसे लिंक को पहचानकर फेसबुक और पेजों के साथ शेयर किया जाता है, ताकि ठगी से बचाव सुनिश्चित किया जा सके। इसलिए, हमेशा सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को किसी भी अनजान स्रोत से शेयर करने से बचें।

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