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उत्तराखंड परिवहन निगम को घाटे से उबारने की मुहिम: खाली दौड़ती बसों पर सख्ती, आय बढ़ाने के नए आदेश

03:46 PM Mar 26, 2025 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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उत्तराखंड परिवहन निगम इन दिनों भारी आर्थिक नुकसान का सामना कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद बसों की कमाई बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हाल ही में परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ कि कई बसें खाली दौड़ रही हैं। कई बसों में सिर्फ दो या तीन यात्री ही सफर कर रहे थे, जिससे निगम को बड़ा घाटा हो रहा है। इस स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए निगम के महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने नाराजगी जताई और बसों की दैनिक आय का लक्ष्य निर्धारित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों से इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

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महाप्रबंधक पवन मेहरा द्वारा जारी आदेश में यह बताया गया कि 17 मार्च और 20 मार्च को देहरादून आइएसबीटी से रिस्पना पुल होते हुए हरिद्वार की ओर जा रही बसों की जांच की गई थी। जांच में पाया गया कि बसों में बहुत कम यात्री थे। इनमें पर्वतीय, ग्रामीण और हरिद्वार डिपो की बसें शामिल थीं। इसी तरह, लोहाघाट डिपो की एक बस में केवल दो ही यात्री सफर कर रहे थे। इसके अलावा, नैनीताल और टनकपुर मंडल की देहरादून आ रही बसों में भी यात्रियों की संख्या बेहद कम पाई गई।

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जांच में यह भी पता चला कि अधिकांश चालक और परिचालक देहरादून से हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को बस में बैठाने के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि, हरिद्वार, रायवाला और डोईवाला जैसे स्टॉप पर बड़ी संख्या में यात्री खड़े रहते हैं। बसें न रुकने के कारण यात्रियों को दूसरे राज्यों की बसों या अवैध डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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इस गंभीर स्थिति को देखते हुए महाप्रबंधक ने सभी मंडल और डिपो के अधिकारियों को बसों की दैनिक आय का लक्ष्य निर्धारित करने और उसकी नियमित समीक्षा करने का आदेश दिया है। जो चालक और परिचालक लक्ष्य के अनुरूप आय अर्जित नहीं कर पाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, डिपो अधिकारियों को भी चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती, तो उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

इसके अलावा, चेकिंग टीमों को भी आदेश दिया गया है कि वे लगातार मार्गों पर बसों की जांच करें और जिन बसों में यात्री कम मिलते हैं, उनकी रिपोर्ट तुरंत निगम मुख्यालय को भेजें। जिन चालकों और परिचालकों की बसों की कमाई कम होगी, उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी ताकि वे यात्रियों को बसों में बैठाने के लिए अधिक प्रयास करें।

इस बीच, उत्तराखंड रोडवेज संयुक्त कर्मचारी परिषद ने निगम कर्मचारियों के मकान किराया भत्ते (एचआरए) को बढ़ाने की मांग उठाई है। परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो सचिव को पत्र भेजकर मांग की है कि कर्मचारियों को पुनरीक्षित मकान किराया भत्ते का लाभ दिया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई 2022 में परिवहन निगम ने सातवें वेतनमान के अनुसार एचआरए बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कर्मचारी परिषद ने जल्द से जल्द इस मांग को पूरा करने की अपील की है।

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