अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

चारधाम यात्रा 2025: केदारनाथ हेली सेवा में ठगी रोकने के लिए पुलिस ने बनाया सख्त प्लान

12:41 PM Mar 16, 2025 IST | editor1
Advertisement

उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत होने जा रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को, केदारनाथ के 2 मई को और बदरीनाथ के 4 मई को खुलेंगे। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों के दर्शन के लिए आते हैं।

Advertisement

Advertisement

प्रशासन के लिए यह यात्रा कई मायनों में चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन इस बार सबसे बड़ी चुनौती केदारनाथ हेली सेवा के नाम पर हो रही ठगी को रोकना है। इस समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने खास रणनीति तैयार की है, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित और सही प्रक्रिया के तहत हेली सेवा का लाभ उठा सकें।

Advertisement

चारधाम यात्रा में सबसे कठिन मानी जाने वाली केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को 20 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई करनी पड़ती है। इस चढ़ाई को आसान बनाने के लिए हवाई सेवा का विकल्प मौजूद है, लेकिन सीमित टिकटों के कारण इसकी मांग बहुत अधिक होती है। इस स्थिति का फायदा साइबर ठग उठाते हैं, जो फर्जी वेबसाइट बनाकर, टिकट ब्लैक में बेचकर या अन्य ऑनलाइन तरीकों से श्रद्धालुओं को ठगने का प्रयास करते हैं।

Advertisement

कई श्रद्धालु जब केदारनाथ हेली सेवा के टिकट बुक करने के लिए इंटरनेट पर सर्च करते हैं, तो उन्हें कई फर्जी वेबसाइटें दिखाई देती हैं। ये वेबसाइटें असली साइट की हूबहू नकल होती हैं, जहां लोग पैसे देकर टिकट बुक कर लेते हैं, लेकिन जब वे हेली सेवा कंपनी के पास पहुंचते हैं, तो पता चलता है कि उनका टिकट फर्जी है। इसके अलावा, कुछ लोग सिस्टम में सेंध लगाकर कम कीमत में टिकट खरीद लेते हैं और उन्हें कई गुना महंगे दामों पर बेचते हैं। पुलिस इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त निगरानी रख रही है, ताकि श्रद्धालु ठगी का शिकार न हों।

इस बार उत्तराखंड पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम ठगी रोकने के लिए खास भूमिका में रहेगी। यात्रा शुरू होने से पहले ही पुलिस ने कई संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान कर उनकी जांच शुरू कर दी है। साइबर एक्सपर्ट्स यात्रा के दौरान भी डिजिटल माध्यमों पर कड़ी नजर रखेंगे और अगर कोई फर्जी वेबसाइट पकड़ी जाती है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा। सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन माध्यमों के जरिए श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वे सिर्फ अधिकृत वेबसाइट से ही टिकट बुक करें और किसी अनजान लिंक या व्यक्ति पर भरोसा न करें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हवाई सेवा के नाम पर किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पुलिस को विशेष रूप से सतर्क रहने और विजिलेंस विभाग को सक्रिय रूप से इस पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि इस बार हेली सेवा की सभी टिकटें सिर्फ IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए ही बुक की जाएंगी। पहले यह सुविधा गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) की साइट पर थी, लेकिन अब इसे IRCTC को सौंपा गया है, ताकि टिकटों की बुकिंग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

केदारनाथ यात्रा में हेली सेवा का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। वर्ष 2014 में 1,58,444 यात्रियों ने हवाई सेवा का लाभ उठाया था, जबकि 2022 में यह संख्या बढ़कर 1,41,600 हो गई। कोविड के दौरान 2020 और 2021 में यह संख्या घटी थी, लेकिन अब यात्रा फिर से पूरी क्षमता के साथ शुरू हो रही है। वर्तमान में केदारनाथ हेली सेवा के लिए नौ कंपनियां अधिकृत हैं, जो गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से उड़ान भरती हैं। इनमें पवन हंस, ग्लोबल विक्ट्रा, हिमालयन हेली, कैस्ट्रॉल एविएशन, थंबी एविएशन, एयरो एयरक्राफ्ट और ट्रांस भारत जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

आईजी लॉ एंड ऑर्डर निलेश भरणे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे हेली सेवा के टिकट सिर्फ IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से ही बुक करें और किसी अनजान व्यक्ति, सोशल मीडिया पोस्ट या संदिग्ध वेबसाइट पर भरोसा न करें। पुलिस जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी, जिस पर कॉल करके यात्री हेली सेवा से जुड़ी किसी भी जानकारी की पुष्टि कर सकेंगे। साइबर टीम पूरी सतर्कता के साथ कार्य कर रही है और अगर किसी भी फर्जी वेबसाइट या ठगी के मामले की जानकारी मिलती है, तो ठगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

चारधाम यात्रा में हर साल हेली सेवा के नाम पर ठगी के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन इस बार पुलिस ने पहले से ही सख्त निगरानी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि कोई भी श्रद्धालु ठगी का शिकार न हो। सरकार और पुलिस के इन प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि इस बार केदारनाथ हेली सेवा में हो रही ठगी पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सकेगी।

Advertisement
Advertisement
Next Article