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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में 'दर्पण 2.0' नामक सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभागों को इस डैशबोर्ड से जोड़ा जाए और सभी विभागों की चालू परियोजनाओं का डेटा अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि 15 दिनों के भीतर सभी विभागों को अपने परियोजनाओं का अपडेट पोर्टल में करना होगा। हर महीने की 7 तारीख तक विभागों को पिछले महीने का डेटा अपलोड करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ-साथ हर महीने सीएम डैशबोर्ड की भी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने सचिवों को निर्देश दिए कि वे अपने विभाग की सीएम डैशबोर्ड से संबंधित बैठक हर महीने करें। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल बनाए जा रहे हैं, वे यूजर फ्रेंडली हों और डैशबोर्ड में डेटा का प्रस्तुतीकरण अच्छा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड का मुख्य उद्देश्य जन समस्याओं का समाधान करना है। इस डैशबोर्ड के माध्यम से जन समस्याओं की पहचान कर उनका समाधान निकालना है। उन्होंने गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं और नारी सशक्तिकरण के लिए तेजी से काम करने की जरूरत जताई और कहा कि संबंधित विभागों को इन क्षेत्रों में किए जा रहे काम का परिणाम धरातल पर दिखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं को डैशबोर्ड में शामिल किया जाए। पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल में 5 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को दर्शाने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही, डीएम डैशबोर्ड को भी सही तरीके से लागू करने की बात कही गई।
बैठक में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता जताई गई। रोजगार और स्वरोजगार से जुड़े विभागों को मिलकर कार्यशालाओं का आयोजन करने को कहा गया, जिसमें विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देने की बात की गई।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।