ऋषिकेश में क्लोरीन गैस लीक से मची अफरा-तफरी, SDRF और फायर टीम ने बचाई जान
संपादित आर्टिकल:
उत्तराखंड के ऋषिकेश में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। लक्कड़घाट स्थित 26MLD STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में अचानक क्लोरीन गैस का रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई। प्लांट में काम कर रहे कर्मचारी और आसपास के लोग तुरंत वहां से बाहर निकलने लगे। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंच गए और हालात को नियंत्रित किया गया।
कैसे हुआ हादसा?
घटना शुक्रवार सुबह की है जब प्लांट में लगे एक क्लोरीन सिलिंडर में अचानक रिसाव शुरू हो गया। स्थिति बिगड़ती देख प्लांट के कर्मचारियों ने तुरंत स्थानीय थाने को सूचित किया। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही एसडीआरएफ की CBRN (Chemical, Biological, Radiological, and Nuclear) रेस्क्यू टीम और फायर सर्विस को भी बुलाया गया।
मौके पर पहुंची टीम ने प्लांट कर्मचारियों के साथ मिलकर कड़ी मशक्कत करते हुए गैस के रिसाव पर काबू पाया। लीक हुए सिलिंडर को हाइड्रा की मदद से पानी के टैंक में डाल दिया गया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
क्लोरीन गैस कितनी खतरनाक है?
क्लोरीन गैस एक बेहद जहरीली गैस होती है, जो शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। अगर इसकी मात्रा हवा में अधिक हो जाए, तो यह सांस लेने में दिक्कत पैदा करती है और त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। जानकारों का मानना है कि इसके लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है।अगर कोई व्यक्ति 30 मिनट तक इस गैस के संपर्क में रहता है, तो उसकी मृत्यु होने की संभावना रहती है। इस वजह से क्लोरीन गैस लीक जैसी घटनाएं बहुत खतरनाक होती हैं और इन्हें तुरंत नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।
घटना के बाद की स्थिति:
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई जा रही है।