पर्वतीय शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ देगी कलस्टर विद्यालय योजना, इसे वापस लिया जाना चाहिए:: धीरेन्द्र कुमार पाठक
एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पूर्व सचिव व उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड जनपद अल्मोड़ा के सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि सरकार को क्लस्टर विद्यालय से सम्बन्धित योजना बंद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार शासन व विभाग को भी ग्रामीण जनता की दयनीय स्थिति को देखना चाहिए और एक रात्रि किसी गांव में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों व शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री महोदय को बितानी चाहिए आखिर क्लस्टर विद्यालय क्यों?
उन्होंने कहा कि कोई छात्र अपने गांव से 10 किलोमीटर क्यों जायेगा क्या यहां 6 बजे परिवहन मिलेगा जो 7 बजे विद्यालय पहुंच जायेगा। जंगली जानवरों का खतरा अलग से बना रहता है।उत्तराखंड की जमीनी हकीकत पता होने के बाद भी तुगलकी फरमान बंद होने चाहिए। लोकतंत्र अपने गिरावट के अंतिम सोपान पर आ गया है और लोकतांत्रिक व सामाजिक मूल्यों की बलि दे दी गई है। सरकार गंभीरता से विचार करें कि आज गांव में है कौन और उससे शिक्षा का अधिकार भी क्यों छीना जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य का निर्माण इसलिए नहीं हुआ कि शिक्षा जैसे बुनियादी अधिकार पर ही चोट कर दी जाय। शर्मनाक स्थिति सरकार को अपना फरमान वापस लेना चाहिए। सभी कार्मिकों शिक्षकों के द्वारा इस राज्य को बनाने के लिए 94 दिन की हड़ताल की थी इसलिए नहीं की थी कि यहां के ग्रामीण नागरिकों के अधिकारों का दमन होगा।
उन्होंने कहा कि जनता विरोध कर रही है और कार्मिकों के हितों को भी कुठाराघात पहुंच रहा है सरकार को गंभीरता पूर्वक इस नीति को समाप्त करना चाहिए जनता पर पहले से ही पलायन की मार है इस क्लस्टर विद्यालय की योजना पर्वतीय क्षेत्रों की कमर तोड देगी। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।