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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति प्रेक्षागृह में प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर, लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी की रचनाओं पर लिखी गई पुस्तक "कल फिर जब सुबह होगी" का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री ने नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड लोक सम्मान से सम्मानित किया और उन्हें 2.51 लाख रुपये का चेक भेंट किया। साथ ही, उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने नेगी को हिमालय जैसा अडिग और महान व्यक्तित्व बताते हुए उनके गीतों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेगी के गीत हमारे परिवेश और पहाड़ की चुनौतियों को उजागर करते हैं, और ये गीत हमें अपनी समृद्ध परंपराओं और लोक संस्कृति से जोड़ते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों ने हमारी लोक संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने में मदद की है और युवाओं को प्रेरित किया है। उन्होंने नेगी को पहाड़ की आवाज बताते हुए उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक ललित मोहन रयाल की सराहना की और कहा कि यह पुस्तक भावी पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। नरेंद्र सिंह नेगी ने भी मुख्यमंत्री के लोक संस्कृति के प्रति प्रेम और ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पहाड़ों से पलायन रोकने पर लिखा अपना प्रसिद्ध गीत "ठंडो रे ठंडो" गाकर लोगों को अपनी लोक संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव राधा रतूडी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूडी, साहित्यकार नंद किशोर हटवाल, दिनेश सेमवाल, सचिदानंद भारती,गणेश कुकशाल गणी सहित अन्य साहित्यकार और लोक संस्कृति से जुड़े लोग मौजूद रहे।