अल्मोड़ा के तल्ली बाड़ी, पाण्डेखोला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आयोजन समिति के सदस्य राजेन्द्र प्रसाद पन्त, प्रकाश चन्द्र पन्त और घनश्याम चन्द्र पन्त ने बताया कि यह कथा 5 नवंबर से शुरू हुई है और 12 नवंबर, 2024 तक चलेगी। कथा वाचक दुर्गादत्त शास्त्री, मन्दिरमेश्वर हर दिन दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक भक्तों को श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा का अमृतपान करा रहे हैं।दूसरे दिन की कथा में दुर्गादत्त शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार नन्हे श्रीकृष्ण ने अपने चमत्कारी लीलाओं से गोपियों और गोकुलवासियों के जीवन को आनंदमयी बना दिया। उनकी बाल लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो गए और बार-बार 'जय श्रीकृष्ण' का जयकारा लगाने लगे। कथा के दौरान शास्त्री जी ने भगवान के बाल्यकाल की लीलाओं के माध्यम से जीवन में प्रेम, करुणा और सेवा का महत्व भी समझाया।भक्तों में भक्ति का माहौलकथा स्थल पर भक्तों में भक्ति और उत्साह का माहौल देखा गया। श्रद्धालुओं ने बताया कि दुर्गादत्त शास्त्री की मधुर वाणी और सरल भाषा में कथा सुनना अत्यंत सुखद अनुभव है। लोग दूर-दूर से कथा में सम्मिलित होने के लिए पहुंच रहे हैं। महिलाओं और बच्चों में भी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को सुनने का उत्साह दिखा। कथा के अंत में भजन और कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी ने भक्ति गीतों पर झूमकर आनंद लिया। आयोजकों ने बताया कि श्रीभागवत कथा का उद्देश्य धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समाज में प्रेम और एकता का संदेश फैलाना है।