दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। रविवार को अरविंद केजरीवाल को लिखे एक भावुक पत्र में, गहलोत ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें यमुना सफाई में नाकामी, जनता से किए गए वादे पूरे न करना और केंद्र सरकार से बेवजह लड़ाई करना शामिल हैं।गहलोत के आरोप:यमुना सफाई का अधूरा वादा: गहलोत ने कहा कि यमुना की सफाई का वादा पूरा न होने से दिल्लीवासियों के साथ विश्वासघात हुआ है।केवल राजनीतिक एजेंडा: उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी जनता की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देने के बजाय केवल अपने राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने में लगी है।आम आदमी की छवि पर सवाल: केजरीवाल के नए बंगले जैसे विवादों का जिक्र करते हुए गहलोत ने सवाल उठाया कि क्या AAP अब भी 'आम आदमी' की पार्टी है?केंद्र से बेवजह लड़ाई: उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार टकराव की वजह से दिल्ली का विकास प्रभावित हो रहा है।कैलाश गहलोत का राजनीतिक सफर:2015 में AAP में शामिल हुए गहलोत 2017 में कैबिनेट मंत्री बने। पेशे से वकील गहलोत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं। CM पद की दौड़ में भी उनका नाम चर्चा में रहा था। दिल्ली में तिरंगा विवाद और शराब घोटाले में भी गहलोत का नाम सामने आया था।भाजपा ने किया गहलोत के इस्तीफे का स्वागतभाजपा ने गहलोत के कदम का स्वागत किया है। दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि गहलोत ने AAP के "भ्रष्टाचार" के खिलाफ आवाज उठाई है।AAP का पलटवार:AAP ने गहलोत के इस्तीफे को भाजपा की साजिश करार दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा ED और CBI के डर से AAP नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसे "मोदी वाशिंग मशीन" का हिस्सा बताया।