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म्यांमार में विनाशकारी भूकंप, मरने वालों की संख्या 1000 पार, राहत और बचाव कार्य जारी

12:23 PM Mar 29, 2025 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च को आए भीषण भूकंप ने व्यापक स्तर पर तबाही मचा दी है। इस विनाशकारी आपदा में मरने वालों की संख्या 1000 को पार कर गई है, जबकि 2,376 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इस बात की पुष्टि सत्तारूढ़ जुंता सरकार ने की है। यह शक्तिशाली भूकंप दोपहर के समय म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पश्चिम में आया, जिसका प्रभाव राजधानी नेपीताव सहित कई अन्य प्रमुख शहरों में भी महसूस किया गया।

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इस भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव मांडले शहर पर पड़ा है, जो म्यांमार का एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहां कई इमारतें ढह गई हैं और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा है। राजधानी नेपीताव और अन्य इलाकों में भी इमारतों को क्षति पहुंची है, जिससे कई लोग मलबे में दब गए हैं। बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मलबे के नीचे अब भी कई लोग फंसे हो सकते हैं, जिससे मृतकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। राहत दल पूरी तत्परता से लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं।

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भूकंप के प्रभाव से पूरे म्यांमार में भय का माहौल है। राजधानी समेत कई इलाकों में लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए और सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई। आपातकालीन सेवाओं और राहत टीमों के लिए इस संकट से निपटना बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि सीमित संसाधनों के कारण घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और चिकित्सा सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ा है।

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इस आपदा से न केवल जान-माल की भारी क्षति हुई है, बल्कि बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि म्यांमार को राहत और पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत होगी। जुंटा सरकार इस संकट से निपटने के लिए अपने संसाधन जुटाने में लगी हुई है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने और बचाव कार्यों में अभी भी काफी कठिनाइयां आ रही हैं।

भारत इस मुश्किल समय में म्यांमार की मदद के लिए आगे आया है और 15 टन राहत सामग्री भेज चुका है। इस सहायता में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, भोजन के पैकेट, जल शुद्धिकरण उपकरण, स्वच्छता किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी म्यांमार को सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।

भूकंप के झटकों के बाद म्यांमार में दहशत का माहौल बना हुआ है और लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार और राहत एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं, लेकिन मलबे में दबे लोगों को बचाने की चुनौती अभी भी बनी हुई है। इस विनाशकारी त्रासदी के बाद अब पूरे देश में पुनर्निर्माण और राहत कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है।

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