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अल्मोड़ा में डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्गों से 82 लाख की ठगी  गुजरात से 2 ठग गिरफ्तार

अल्मोड़ा में डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्गों से 82 लाख की ठगी, गुजरात से 2 ठग गिरफ्तार

11:21 PM May 11, 2025 IST | Newsdesk Uttranews
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उत्तराखंड के शांत अल्मोड़ा और लमगड़ा जैसी जगहों के सीधे-साधे लोग साइबर ठगों के निशाने पर है।हाल ही में साइबर ठगों ने दो जगहों पर बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया। वीडियो कॉल के जरिए 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाकर दो अलग-अलग मामलों में उनसे कुल मिलाकर 82 लाख रुपये ऐंठ लिए। हालांकि, अल्मोड़ा और लमगड़ा पुलिस ने तेजी दिखाते हुए गुजरात से दो आरोपियों को धर दबोचा है।

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अल्मोड़ा में भाई-बहन के साथ 75 लाख की ऑनलाइन ठगी
अल्मोड़ा शहर में रहने वाले पूर्ण चंद्र जोशी और उनकी बहन भगवती पांडे पूरे 16 दिन तक साइबर ठगों के जाल में फंसे रहे। 23 मार्च से 7 अप्रैल 2025 के बीच एक अनजान शख्स ने पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें वीडियो कॉल किया। उसने डराया कि उनकी पहचान एक किडनैपिंग गैंग से जुड़ी है और वे शक के घेरे में हैं। गिरफ्तारी के डर से सहमे भाई-बहन को आरोपी ने लगातार वीडियो कॉल पर रखा और खातों की जांच के नाम पर उनकी सारी जमा पूंजी ट्रांसफर करवा ली।

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दोनों को यह भी धमकी दी गई कि अगर उन्होंने किसी से इस बारे में बात की तो उनके लिए और मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इस डर से पूर्ण चंद्र जोशी और भगवती पांडे ने कुल 75 लाख 73 हजार रुपये अलग-अलग बैंक खातों में आठ बार में जमा कर दिए। जब उन्हें अपने पैसे वापस नहीं मिले और कॉल आनी बंद हो गई, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने 15 अप्रैल 2025 को अल्मोड़ा कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।


पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। एसएसपी देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में पुलिस की एक विशेष टीम ने जांच शुरू की। साइबर तकनीक की मदद से पुलिस ने 9 मई 2025 को गुजरात के मोरवी से 1400 किलोमीटर दूर आरोपी जुनेजा दिलावर को गिरफ्तार कर लिया।

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गिरफ्तार ठग का नाम और पता
नाम: जुनेजा दिलावर
पिता का नाम: मोहम्मद भाई
निवासी: महेन्द्र परा, 14 मोरवी, जिला मोरवी, राजकोट, गुजरात
पुलिस टीम के सदस्य
उपनिरीक्षक धरम सिंह, कोतवाली अल्मोड़ा
कांस्टेबल परवेज अली, एसओजी अल्मोड़ा


इसी तरह का एक और मामला लमगड़ा थाना क्षेत्र में सामने आया। यहां जीवन सिंह मेहता नाम के एक बुजुर्ग 13 से 17 जनवरी 2025 के बीच साइबर ठगों का शिकार बने। ठगों ने वीडियो कॉल पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें डराया। उन्होंने कहा कि उनके आधार और पैन कार्ड की जानकारी मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुए खातों से जुड़ी है, इसलिए उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किया जा रहा है।


ठगों ने बुजुर्ग को लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने और किसी से बात न करने का दबाव बनाया। उन्होंने तीन किस्तों में कुल 7 लाख 20 हजार रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जब बुजुर्ग ने और पैसे देने में असमर्थता जताई, तो ठगों ने यह कहकर झांसा दिया कि जांच पूरी होने के बाद उनके पैसे वापस मिल जाएंगे।


काफी समय बीतने और पैसे वापस न मिलने पर जीवन सिंह मेहता ने 21 फरवरी 2025 को लमगड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में भी एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पहले इस मामले में मध्य प्रदेश से दो आरोपी पकड़े गए थे, पूछताछ में मंडलिया निशित नाम के एक और आरोपी का पता चला। पुलिस को उसे 8 मई को 1600 किलोमीटर गुजरात के जामनगर से गिरफ्तार करने में सफलता मिली।


पकड़े गए आरोपी की जानकारी
नाम: मंडलिया निशित
पिता का नाम: जयेश भाई
निवासी: मंगलम 1, ब्लॉक 1, न्यू आरम कॉलोनी, मास्टर सोसाइटी, गली नंबर 1, सरुसैक्शन रोड, खोडियार कॉलोनी, थाना सी डिविजन, जिला जामनगर, गुजरात
जांच टीम में शामिल पुलिसकर्मी
उपनिरीक्षक दिनेश परिहार, प्रभारी चौकी जैंती, थाना लमगड़ा
कांस्टेबल हेमचंद्र, कोतवाली अल्मोड़ा

ठगी से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें
किसी भी अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल को लेकर सतर्क रहें।
फोन पर खुद को पुलिस या किसी सरकारी अधिकारी बताने वाले व्यक्ति से कभी भी अपनी बैंक डिटेल्स शेयर न करें।
अगर कोई आपको डराए या धमकाए, तो तुरंत अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
ऐसी किसी भी घटना के बारे में अपने परिवार के सदस्यों को जरूर बताएं।
अगर आपको भी किसी ऐसे संदिग्ध कॉल आता है तो तो बिना देर किए और बिना डरे उत्तराखंड साइबर हेल्पलाइन या 1930 पर कॉल करें। सतर्कता ही आपको इन ठगों से बचा सकती है।

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