अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

डांट या मारकर नही, बल्कि इन तरीकों से छुटाए बच्चों की मोबाइल की लत

12:59 PM Sep 17, 2024 IST | editor1
Advertisement

आज के समय में दो साल का बच्चा भी मोबाइल हाथ में लिए दिख जाएगा और हाथ से लेते ही रोना शुरू। बच्चों के मोबाइल चलाते रहने की वजह से न सिर्फ उनकी आंखों पर असर पड़ता है, बल्कि उनके सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

Advertisement

Advertisement

लंबी स्क्रीन टाइमिंग की वजह से घंटों तक एक ही जगह पर पड़े रहते हैं और इस वजह से उनकी शारीरिक ग्रोथ तक पर बुरा असर पड़ता है। आजकल कम उम्र में ही बच्चे मोटापा, कमजोर आंखें, चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस जैसी समस्याओं की चपेट में आ रहे हैं। इसके पीछे का एक बड़ा कारण लंबी स्क्रीन टाइमिंग भी है। माता-पिता बच्चों से फोन की लत दूर करने के लिए उन्हें डांटने से लेकर थप्पड़ तक मरने तक कोशिश करते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं है।

Advertisement

Advertisement

बच्चे अगर किसी चीज की जिद कर लें तो उसे जबरदस्ती छुड़वाना मुश्किल होता है। इससे वह और भी ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। बच्चे को मोबाइल की लत है तो उसे छुड़ाने के लिए मारने डांटने की बजाय कुछ सिंपल तरीके अपनाए जा सकते हैं। तो चलिए जान लेते हैं कि कैसे छुड़ाएं बच्चों को मोबाइल की लत।

बड़ों को भी मोबाइल की लत होती है, इसलिए इसमें कहीं न कहीं घर के लोग या पेरेंट्स भी जिम्मेदार होते हैं। बच्चों से यह लत छुड़ाना है तो घर में पेरेंट्स को सबसे पहले अपना स्क्रीन टाइम कम करना होगा। खाना खाते वक्त, सोने जाते वक्त मोबाइल को खुद से दूर रखें और खासतौर पर ध्यान दें कि जब बच्चा आसपास हो तो फोन में न लगे रहें, बल्कि उनसे बात करें, उनके साथ वक्त बिताएं, खेलें।


देखने में आता है कि बच्चा रो रहा है या फिर खाना नहीं खा रहा है तो उसे मोबाइल दे दिया जाता है, लेकिन यहीं से बच्चे में मोबाइल का एडिक्शन शुरू होता है, कम उम्र में यानी कम से कम दो से ढाई साल तक तो बच्चे के हाथ में मोबाइल न दें तो ही बेहतर है।

सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि बच्चे के खाने से लेकर सोने, जागने, पढ़ने और आउटडोर गेम खेलने तक का समय निर्धारित करें और इस तरह से उसे दिन में कुछ वक्त ही स्क्रीन टाइमिंग के लिए दें। ताकि वह बाकी चीजों पर ज्यादा बेहतर तरीके से फोकस कर पाए और मोबाइल का एडिक्शन कम हो। जब बच्चा आउटडोर गेम्स खेलता है तो उसकी स्क्रीन टाइमिंग खुद व खुद कम होने लगती है।

बच्चे से मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए जरूरी है कि आप पढ़ाई के अलावा उसे नई-नई क्रिएटिव एक्टिविटी में लगाएं। जैसे पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, नए-नए क्राफ्ट बनाना आदि. आप चाहे तो इसके लिए क्लास लगवा सकते हैं या फिर खुद उसके साथ कुछ क्रिएटिव करें।

Advertisement
Advertisement
Next Article