दिल्ली की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। बीजेपी के दो बार के विधायक और पूर्वांचल के बड़े नेता अनिल झा ने 30 साल पुराना साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। इस घटना ने दिल्ली बीजेपी को ज़बरदस्त झटका दिया है, खासकर तब जब कुछ ही घंटे पहले दिल्ली के पर्यटन मंत्री कैलाश गहलोत ने 'आप' से इस्तीफा दिया था। 'आप' ने गहलोत के इस्तीफे को बीजेपी की चाल बताया था।केजरीवाल की तारीफों के पुल बांधे अनिल झा'आप' में शामिल होते हुए अनिल झा ने अरविंद केजरीवाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, "अगर पूर्वांचल के लिए किसी ने सच में काम किया है तो वो केजरीवाल हैं। पिछले 10 सालों में उन्होंने हर घर तक पीने का पानी पहुँचाया है। दिल्ली में पूर्वांचलियों और दलितों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और नेतृत्व के क्षेत्र में केजरीवाल का काम बेमिसाल है। मोहल्ला क्लीनिक और बेहतरीन स्कूल इसका जीता-जागता सबूत हैं।" झा ने दिल्ली बीजेपी पर निशाना साधते हुए उसे "पूर्वांचलियों की कब्रगाह" तक बता दिया।क्यों बदला अनिल झा का रुख?अनिल झा ने बताया कि वो हमेशा से चाहते थे कि पूर्वांचल के लोगों को न्याय मिले। उन्हें केजरीवाल में एक ऐसे नेता की छवि दिखी जो सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही वजह है कि उन्होंने 'आप' का दामन थामा।क्या होगा आगे?अनिल झा के 'आप' में शामिल होने से दिल्ली की राजनीति में नया समीकरण बन गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इसका क्या असर होता है।