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देश में ईवीएम से हो रहे चुनाव में धांधली का आरोप लग रहा है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे आरोप लगाने वालों को झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने इससे जुड़ी एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। जनहित याचिका में देश में EVM की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई थी।
यह जनहित याचिका डॉक्टर के एल पाॅल ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा कि ये याचिका दायर करने संबंधित आपको शानदार विचार कैसे मिला?
इसके बाद याचिका कर्ता ने एलन मस्क के बयान का हवाला देते हुए कहा कि एलन मस्क भी कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। याचिका कर्ता पॉल ने कहा कि मैं लॉस एंजेलिस से एक शानदार वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन से आ रहा हूं। हमारे पास सेवानिवृत आईएएस, आईपीएस और न्यायाधीश है वह मेरा समर्थन कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि आप राजनीति के क्षेत्र में क्यों प्रवेश करना चाहते हैं? दो दिन पहले एलन मस्क ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया की काफी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में 64 करोड़ वोट एक दिन में अकाउंट कर लिए गए जबकि अमेरिका के कई राज्यों में अभी भी काउंटिंग की जा रही है।
देश में विपक्षी दल भी लगातार ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं। हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी ने ईवीएम के 99 फीसदी तक चार्ज रहने का मुद्दा उठाया था। अभी हाल में यूपी में संपन्न विधानसभा उपचुनाव में भी समाजवादी ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।