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अल्मोड़ा: खत्याड़ी में पर्यावरण संरक्षण और वनाग्नि गोष्ठी के दौरान वन पंचायत व्यस्था पर चर्चा की गई।
वन सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया की वन पंचायत में घास और लकड़ी के लिए पंचायत की पुरानी पास व्यवस्था है जो सालों से चली आ रही है जिसमें वन पंचायत ( बुढ़ सैनार ) को मार्च मे बंद कर दिया जाता हैऔर दीपावली के बाद खोला जाता है। जिसमे गांव के लोग पास ले कर घास काटते हैं । जो पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है ।
कहा कि आज यह व्यवस्था वन पंचायत में अतिक्रमण के चलते ख़त्म होने के कगार पर है। और वन पंचायत में हो रहे अतिक्रमण व आव्यवस्थित तरीके से फेके जा रहा कूड़े के लिए विभाग को कई बार बोल दिया हैं परन्तु आगे की कार्यवाही निरीक्षण तक ही रह जाती है ।
वन बीट अधिकारी पूनम पंत के द्वारा वनों में आग लगने के कारण और रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गयी । और पर्यावरण संरक्षण के बारे मे बताया। ग्रामीण दीपा देवी,शांति देवी,अनीता कनवाल आदि मौजूद रहे ।