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उत्तरकाशी के अवाना बुग्याल ट्रेक पर एक बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें एक महिला ट्रेकर नदी में बह गई। इस घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब दिल्ली की रहने वाली दिव्या नागर अपने छह अन्य ट्रेकर साथियों के साथ इस खतरनाक ट्रेक पर ट्रैकिंग कर रही थी। यह हादसा सोमवार को हुआ, जब ट्रैकर्स अपनी यात्रा के दौरान गाकीगाड़ को पार कर रहे थे।
हादसे की शुरुआत और घटना का विवरण
दिव्या नागर और उनके साथियों ने हर्षिल घाटी से ट्रेक की शुरुआत की थी। अवाना बुग्याल, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, एक लोकप्रिय ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है। ट्रेकर्स का दल झाला से होते हुए अवाना बुग्याल की ओर बढ़ रहा था। करीब पांच किमी लंबे इस ट्रेक पर चलते हुए जब ये लोग गाकीगाड़ के पास पहुंचे, तभी अचानक दिव्या का पैर कच्ची पुलिया की बल्लियों के ऊपर से फिसल गया। इस हादसे ने सबको हिला कर रख दिया। दिव्या सीधे नदी के तेज बहाव में बह गई और देखते ही देखते नदी में गायब हो गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाई। राजस्व विभाग, वन विभाग, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। अन्य 6 ट्रैकर्स और दो गाइड को सुरक्षित झाला पहुंचाया गया, लेकिन दिव्या की तलाश में लगी सर्च टीम को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। मंगलवार को दिनभर चले सर्च ऑपरेशन के बावजूद दिव्या का कोई पता नहीं चला।
जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया
हर्षिल थाना प्रभारी जगत सिंह ने बताया कि हादसे के बाद से ही पुलिस और वन विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है। सुरक्षित लौटे ट्रैकर्स से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके। टकनौर रेंज के रेंज अधिकारी रूपमोहन नौटियाल ने बताया कि अवाना बुग्याल के लिए ट्रैकिंग की अनुमति नहीं दी जाती है। यह इलाका बेहद खतरनाक माना जाता है और बिना उचित मार्गदर्शन के यहां ट्रैकिंग करना जोखिम भरा हो सकता है।
हादसे के बाद की स्थिति
यह घटना उत्तरकाशी के ट्रेकिंग क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल खड़े करती है। अवाना बुग्याल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में ट्रैकिंग के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस हादसे ने दिव्या के परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। प्रशासन द्वारा हादसे की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस दुखद घटना ने ट्रैकिंग के दौरान सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया है। ऐसे क्षेत्रों में ट्रेकिंग करते समय स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। दिव्या की खोजबीन जारी है और पूरा इलाका उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहा है। बुधवार को एक बार फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाएगा, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य विभागों की टीम शामिल होंगी।