उत्तराखंड में जंगलों से तोते की तस्करी करने वाले गिरोह का वन विभाग में पर्दाफाश कर दिया है। वन विभाग ने दो युवकों को 50 जिंदा तोतों के साथ गिरफ्तार किया। तस्कर इन तोतों को यहां के जंगलों से पकड़ कर दिल्ली में बेचने के लिए ले जा रहे थे। इन तोतों को बाद में वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में उन्हें छोड़ दिया।दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है आगे की जांच अभी भी जारी है।उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव के अनुसार, वन विभाग और सुरक्षा दल की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि खेड़ा निवासी कुछ युवक जंगल से तोते पकड़कर उन्हें दिल्ली बेचने के लिए ले जा रहे हैं। उनको मिली इस सूचना के आधार पर उन्होंने एक टीम के साथ रविवार को खेड़ा में छापेमारी की।वनाधिकारी शशि देव के मुताबिक, छापेमारी के दौरान टीम ने वार्ड नंबर 17, खेड़ा निवासी नईम रजा पुत्र बाबू रजा के घर से 47 जिंदा तोते बरामद किए हैं। इस छापेमारी के दौरान नईम रजा और रेशमबाड़ी कॉलोनी वार्ड 13 निवासी फिरासत रजापुत्र जाफर रजा को गिरफ्तार किया गया।वन विभाग की टीम ने मौके से दो जाल और दो पिंजरे भी बरामद किये। इसके इस्तेमाल से तोतों को पकड़ते थे और उन्हें कैद कर लेते थे। गिरफ्तार किए गए युवकों ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि इन तोतों को वह दिल्ली में बेचने के लिए ले जा रहे थे। बताया जा रहा है कि भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत होते जैसे संरक्षित पक्षियों को पकड़ना पालन या बेचना सख्त मना हैवन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 11, 39, 50, 51 और 57 के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिस से वन्यजीवों की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।वन विभाग में सभी 50 तोतों को बरामद करने के बाद उन्हें जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया तोतो की तस्करी न केवल कानूनी अपराध है बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन को भी प्रभावित करता है। इन पक्षियों को जंगल में अवैध रूप से पकड़ना और बेचना कानूनी अपराध है।वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस अवैध तस्करी में और भी लोग शामिल हैं। तोते जैसे संरक्षित पक्षियों की अवैध तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह के मामलों में लिप्त लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपियों को कड़ी सजा का प्रावधान है।