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सोबन सिंह जीना विवि में तैनात अतिथि शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है मानदेय  विरोध के स्वर शुरू

सोबन सिंह जीना विवि में तैनात अतिथि शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है मानदेय, विरोध के स्वर शुरू

04:40 PM Sep 21, 2024 IST | editor1
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Guest teachers posted at Soban Singh Jeena University are not getting honorarium, voices of protest have started

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अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्व विद्यालय ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों की तैनाती तो कर दी लेकिन लगता है कि उसके बाद मानदेय की नियमि​त व्यवस्था करना विश्वविद्यालय भूल गया।

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अब इस विवि के विभिन्न कॉलेजों और परिसरों में तैनात अतिथि शिक्षकों के सामने नियमित मानदेय नहीं आर्थिक संकट गहराने लगा है। कई स्थानों पर तो इन शिक्षकों के बीच विवि को लेकर विरोध के स्वर भी सुनाई देने लगे हैं।

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कुमाऊँ विश्वविद्यालय से अलग होने के बाद पहली बार बड़ी संख्या पर विभिन्न कॉलेजों में इन शिक्षकों की तैनाती की गई है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बागेश्वर, चंपावत में व्याख्याताओं ने विरोध के स्वर भी उठाने शुरू कर दिए हैं उन्होंने अपने अपने ​परिसरों में ज्ञापन देकर नियमित मानदेय की मांग उठा दी है। बीते दिनों चंपावत और बागेश्वर में शिक्षकों के कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा है।

युवाओं शिक्षकों ने बताया कि जुलाई माह में विश्वविद्यालय के कैंपसों की शैक्षिक दुर्दशा सुधारने के लिए 25 से 35 हजार के मानदेय पर उनको रखा गया था। विषयवार इन युवाओं को चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर कैंपसों में तैनात भी किया गया। तैनाती से पूर्व उनसे सख्त नियमावली का शपथपत्र भी भरवाया गया जिसको लेकर युवाओं में रोष भी था लेकिन बेरोजगारी के दबाव में उनके द्वारा उसे स्वीकारा गया।


यहां यह भीदीगर है कि अनेक शिक्षकों ने चयन के बाद भी ज्वाइन नहीं किया। इस सब के बीच कैंपसों में जुलाई माह से शैक्षिक कार्य करने पहुचे शिक्षक बीते तीन माह से मानदेय का रोना रो रहे हैं। शिक्षकों ने बताया कि अधिकांश शिक्षक नए थे अनेक तो सीधे स्नातकोत्तर के बार यूसेट अथवा नेट परीक्षा उत्तीर्ण किए थे ।

कैंपसों में पहुंचने पर उन्हें अनुशासन, संस्कृतिक, हाॅस्टल, खेल आदि समितियों को अतिरिक्त कार्य सौंपा गया। वहीं कक्षाओं में छात्रों को लाना सबसे बड़ी चुनौति थी। घरों से दूर किराए के कमरों में रहकर अल्प मानदेय में पढ़ाना उनके लिए अत्यधिक पीड़ादाय कार्य सिद्ध हो रहा है जब तीन माह से वे घर से पैसा मंगाकर जीवन यापन कर रहे हैं।नाराज अतिथि शिक्षकों ने अपने अपने परिसरों से कुलपति को संबोधित ज्ञापन भेज कर उन्हें शीघ्र मानदेय उपलब्ध कराने की मांग की है। चम्पावत परिसर के निदेशक डा. नवीन भट्ट ने बताया कि अतिथि शिक्षकों ने अपने मानदेय के संबंध में जो ज्ञापन दिया था उसे विश्व विद्यालय के उच्च अधिकारियों को भेज दिया है।

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