हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर रणभेरी बज चुकी है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कल यानि 3 सितंबर को बैठक कर 32 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दे दिया। बैठक में 41 विधानसभा सीटों पर हुई गहन चर्चा के बाद 32 पर सूची फाइनल कर दी गई,हालांकि अभी इसकी घोषणा नही की गई,5 सितंबर को इन 32 सीटों पर घोषणा होने की उम्मीद है। वैसे बताया जा रहा है कि कांग्रेस 66 सीटों पर प्रत्याशी फाइनल कर चुकी है,और गठबंधन की कवायद के चलते इसकी घोषणा नही की जा रही है। आप के साथ होगा गठबंधन!आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने की उम्मीद है। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि अगले कुछ दिनों में सीटो के बंटवारे को लेकर बात साफ हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी 10 सीटों की मांग कर रही है जबकि कांग्रेस आप को 5 से 7 के बीच में सीटें देने की इच्छुक है।अगर यह गठबंधन जमीनी रूप लेता है तो 10 साल से सत्ता में रही भाजपा की मुश्किलें और ज्यादा बड़ चुकी है। गौरतलब है कि किसान आंदोलन,पहलवानों के आंदोलन के कारण भाजपा पहले ही लोगों की नाराजगी का सामना कर रही है।ऐसे में अगर एंटी बीजेपी वोट एक हो जाएं तो यह भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव जीतना खासा मुश्किल होने वाला है। गठबंधन से बदलेगी चुनावी फिजा ?कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन ने भाजपा के थिंक टैंक को मुश्किलों में डाल दिया है तो वही इसने हरियाणा की राजनीति के राजनैतिक तापमान को और ज्यादा बढ़ा दिया है। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि इस समय भाजपा को हराना और वोटों के विभाजन को रोकना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि एंटी भाजपा वोट इस बार एकजुट रूप से गठबंधन को मिलेगा और भाजपा को करारी हार मिलेगी। बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित होगा गठबंधन!हरियाणा की राजनीति पर बेहद करीबी से नजर रखने वालों का मानना है कि अगर कांग्रेस और आप का गठबंधन होता है तो यह भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।जहां कांग्रेस हरियाणा में बेहद मजबूत स्थिति में है, वहीं दिल्ली में आप की स्थिति बहुत अच्छी है और वह सत्ता में भी है। इसके अलावा गुजरात में भी आप की दमदार उपस्थिति है और ऐसें में दोनों दलों का एक साथ आना हरियाणा और दिल्ली के साथ ही गुजरात में भी परिवर्तन ला सकता है।