उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां एक शख्स नंगे पांव, फटे कपड़े पहनकर पुलिस स्टेशन पहुंचा। जिसके बाद उसने पुलिस अफसरों से कहा है कि मेरा नाम राजू है और मैं अपना घर भूल गया हूं आज से 31 साल पहले जब मेरी उम्र 7 साल थी तब मेरा अपहरण हो गया था, बड़ी मुश्किल से मैं भागकर आया हूं, कृपया मेरी मदद कर दो।शख्स की कहानी सुनकर वहां मौजूद अफसरों के पसीने छूट गए। जिसके बाद उन्होंने उस शख्स की मदद करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और मीडिया में खबर छपवाई। कुछ दिनों के बाद उसके परिवार वाले आए और उस शख्स की पहचान कर उसको अपने साथ लेकर गए।मिली जानकारी के अनुसार 31 साल बाद एक युवक अपनी मां और परिवार से मिला है। 31 साल पहले यह जब युवक जब 7 साल का बच्चा था तभी वह अचानक घर से गायब हो गया था। लेकिन फिर एक दिन युवक सालों बाद बीती 27 नवंबर को वापस घर लौट आया और थाना खोड़ा में अपने परिवार से मिला। युवक ने बताया बचपन में उसका अपहरण हुआ था। बेटे को देख मां के आंखों से आंसू निकल आए और दौड़कर अपने बेटे को गले लगा लिया। वापस आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं पुलिस भी मामले की जांच में जुटी हुई है। यह मामला थाना साहिबाबाद क्षेत्र का है।पूरे मामले में राजू की मां का कहना है कि तीन दिन पहले जब राजू उनसे मिला था तो उसने उन्हें गले लगाया, जिसके बाद राजू की तीन निशानियां भी उन्होंने देखी। माथे पर चोट का निशान, उसकी छाती पर एक तिल और उसका काम सिद्ध हुआ था। यह तीनों निशानियां एक मां ने अपने बेटे के अंदर दिखी और उन्हें लगा कि यह उनका बेटा है। अभी भी राजू की मां उसे अपना बेटा मान रही है। लेकिन उनका कहना यह है कि जिस तरह की हरकतें वह कर रहा है बार-बार भागने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में वह उसका डीएनए टेस्ट करेंगे और उसके बाद ही पता चल पाएगा कि यही उनका असल बेटा है या नहीं।साल 1993 में जब यह युवक लापता हुआ था तब सरकारी कागजों में भी इसकी गुमशुदगी दर्ज की गई थी। युवक के मुताबिक, उसको राजस्थान में मारा-पीटा जाता था बांध के रखा जाता था, दिन भर काम कराया जाता और सिर्फ एक रोटी पूरे दिन में खाने को दी जाती थी। राजू 8 सितंबर 1993 को साहिबाबाद इलाके से लापता हो गया था, तब उसकी उम्र 7 साल थी। वहीं राजू अब 31 साल बाद अपने घर वापस आया है और उसकी उम्र लगभग 38 साल है।राजू बताता है कि वह और उसकी बहन उस मनहूस दिन स्कूल से लौट रहे थे। तभी उसको अपरहण करके राजस्थान ले जाया गया। जहां उसके साथ मारपीट की जाती थी। पूरे दिन काम कराया जाता था शाम को सिर्फ एक रोटी दी जाती थी और शाम को बांध दिया जाता था। राजू के मुताबिक जिसके यहां वह बंधक था उसकी छोटी बेटी ने उसे हनुमान जी की उपासना करने को कहा और उसे प्रोत्साहित करती थी। मौका देखकर राजू राजस्थान से एक ट्रक में चढ़ गया और राजू दिल्ली पहुंचा।राजू ने बताया दिल्ली पहुंचने के बाद उसने कई पुलिस थानों में चक्कर लगाए और पुलिस से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। राजू अपना घर और इलाका सब कुछ भूल चुका था। लेकिन 22 नबंवर को राजू जब थाना खोड़ा पहुंचा, तो यहां पुलिस को उसने सबकुछ बताया। राजू की बात सुन हर किसी के होश उड़ गए। जिसके बाद खोड़ा थाना की पुलिस ने उसका ध्यान रखा साथ ही उसे पहनने के लिए जूते दिए और उसका खाने-पीने का प्रबंध किया।जिसके बाद पुलिस ने मीडिया और सोशल मीडिया में उसकी खबर छपवाई। तब राजू के चाचा को पता चला कि उसका भतीजा राजू अभी जिंदा है। तुरंत राजू के चाचा ने घर पर सभी को खबर की और पूरा परिवार उसे लेने आ गया। अब राजू अपने घर पर अपने परिजनों देख-रेख में रह रहा है। जब इस बारे में उनकी मां और बहन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बीते 31 साल रक्षाबंधन पर रखी बांधने के लिए कोई नहीं था लेकिन अब भाई लौट आया है। तो वहीं मां ने बताया कि पिछले 31 साल कैसे बीते हैं, ये बस मुझे ही पता है लेकिन अब बेटा लौट आया है।