अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

हेलीकॉप्टर से आए दिल और फेफड़ों ने भी नहीं बचाई जान, ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की मौत

07:37 PM Dec 19, 2024 IST | Newsdesk Uttranews
Advertisement

झालावाड़ के विष्णु प्रसाद, जिन्हें 10 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित किया गया था, उनके परिवार ने अंगदान का नेक फैसला लिया। 15 दिसंबर को हेलीकॉप्टर से उनके दिल और फेफड़े जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुँचाए गए, जहाँ एक ज़रूरतमंद मरीज का इंतज़ार था। यह राजस्थान में पहले फेफड़ा प्रत्यारोपण का केस था।

Advertisement

ऑपरेशन सफल रहा और डॉक्टरों की टीम ने मरीज पर लगातार निगरानी रखी। लेकिन दुर्भाग्यवश, दो दिन बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके शरीर ने नए अंगों को स्वीकार नहीं किया और अंततः उसकी मौत हो गई।

Advertisement

विष्णु प्रसाद के अंगदान से चार लोगों को जीवनदान मिलने की आशा थी। उनके दिल, एक किडनी और दोनों फेफड़े एसएमएस अस्पताल भेजे गए थे, जबकि दूसरी किडनी और लिवर एम्स जोधपुर भेजे गए। यह पहली बार था बता दें कि पहली बार ऑर्गन्स को एयरलिफ्ट करवाया गया था। इससे कम समय लगा जिससे ऑर्गन्स की गुणवत्ता बनी रही।लेकिन मरीज के शरीर ने इस आर्गन्स को स्वीकार नही किया और उसकी मौत हो गई।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Tags :
JaipurJhalawarOrgan DonationSMS HospitalTransplantअंगदानएसएमएस अस्पतालजयपुरझालावाड़प्रत्यारोपणमौत
Advertisement
Next Article