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तापमान में भारी गिरावट  मई 2025 बनी सदी की सबसे ठंडी मई  जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

तापमान में भारी गिरावट, मई 2025 बनी सदी की सबसे ठंडी मई ,जानिए क्या है इसके पीछे की वजह?

04:09 PM Jun 08, 2025 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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मई का महीना जो हमेशा चिलचिलाती धूप और तपती गर्मी के लिए जाना जाता है. इस बार कुछ बदला बदला सा नजर आया. देश के कई हिस्सों में मौसम ने ऐसी करवट ली कि लोग हैरान रह गए. 2025 की मई में गर्मी की जगह ठंडी हवाओं और हल्की सिहरन ने दस्तक दी. मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि यह महीना बीते करीब सौ सालों में सबसे ठंडे महीनों में से एक रहा है.

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मध्य भारत की बात करें तो यहां का तापमान इस बार सामान्य से काफी नीचे रहा. मई में जहां अधिकतम तापमान आमतौर पर 39 डिग्री के आसपास रहता है. वहीं इस बार यह औसतन 36 डिग्री के करीब दर्ज किया गया. जो 1933 के बाद की सबसे ठंडी मई मानी जा रही है. वहीं दक्षिण भारत में भी हालात कुछ ऐसे ही रहे. यहां पर तापमान करीब 34 डिग्री तक ही पहुंचा. और यह भी 1955 के बाद सबसे ठंडी मई मानी गई है.

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अब सवाल ये उठता है कि ऐसा हुआ कैसे. तो इसकी बड़ी वजह समय से पहले आया मानसून माना जा रहा है. आमतौर पर मानसून जून में दस्तक देता है. लेकिन इस बार मई में ही बादल बरसने लगे. गरज और चमक के साथ आई बारिश ने गर्मी की रफ्तार पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया. मई के महीने में जब बारिश हो और वो भी कई बार. तो जाहिर है मौसम का मिजाज कुछ तो बदलेगा ही. इस बार देश के कई हिस्सों में लगभग बीस दिन ऐसे रहे जब आसमान गरजता रहा और बिजली चमकती रही.

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अब कुछ लोगों को लगेगा कि जब मौसम ठंडा है तो फिर ग्लोबल वार्मिंग जैसी बातों का क्या हुआ. तो बता दें कि विशेषज्ञों की मानें तो ये बदलाव जलवायु परिवर्तन का ही हिस्सा है. जलवायु में जो उठापटक हो रही है. वो कभी ज्यादा गर्मी तो कभी अचानक ठंड में दिख रही है. यानी मौसम अब पहले जैसा स्थिर नहीं रहा. ये बदलाव बताते हैं कि मौसम के पैटर्न बदल चुके हैं. और अब कुछ भी तय नहीं रह गया है.

इसलिए अब वक्त आ गया है जब हर किसी को सतर्क रहना होगा. मौसम की इन बदलती चालों को समझना होगा. और सरकार से लेकर आम आदमी तक सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी होगी. क्योंकि ये ठंडी मई कोई संयोग नहीं. बल्कि जलवायु संकट की एक चेतावनी है. जो कह रही है कि वक्त रहते संभल जाओ. नहीं तो आगे हालात और बिगड़ सकते हैं.

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