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उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी  गंगोत्री हाईवे बंद  जनजीवन अस्त व्यस्त

उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी, गंगोत्री हाईवे बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

05:16 PM Mar 04, 2025 IST | editor1
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उत्तरकाशी में लगातार हो रही भारी बर्फबारी ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। बीते दो दिनों से जारी बर्फबारी के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुक्की से आगे का मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।

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हर्षिल घाटी और उसके आसपास के गांवों में भी सामान्य जनजीवन ठप पड़ गया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में भी बाधा आ रही है, क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों को खराब मौसम के कारण मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सुक्की से झाला तक केवल 4x4 स्किड चेन लगे वाहन ही जा सकते हैं, जबकि झाला से गंगोत्री तक मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीमें हाईवे को खोलने के लिए लगातार बर्फ हटाने का कार्य कर रही हैं।

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सोनगाड़ से सुक्की टॉप तक सिर्फ नॉन-स्किड चेन लगे वाहनों को जाने की अनुमति दी गई है। बीआरओ अधिकारी आरएल मीना कार्य की निगरानी कर रहे हैं, जबकि दो जेसीबी मशीनें सोनगाड़ से सुक्की टॉप तक बर्फ हटाने में लगी हुई हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए डबरानी में एक्स-205 इक्वेटर मशीन तैनात की गई है।

गंगोत्री धाम जाने वाला मार्ग भी भारी हिमस्खलन की वजह से पूरी तरह से बंद हो गया है। सूचना के मुताबिक, धराली और हर्षिल से करीब आठ से दस किलोमीटर आगे जांगला पुल के पास हिमस्खलन हुआ है, जिससे हाईवे पर बर्फ की मोटी परत जम गई है।

ऐसे में प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को सुबह 9 बजे हर्षिल पहुंचकर मुखबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले हैं। लेकिन खराब मौसम और बर्फबारी के कारण उनकी यात्रा की तैयारियों में लगातार बाधाएं आ रही हैं।

बीते दो दिनों में हुई भारी बर्फबारी के कारण हर्षिल घाटी के आठ गांवों समेत गंगोत्री का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि, बिजली और संचार सेवाएं जो पहले ठप हो गई थीं, उन्हें अब बहाल कर दिया गया है। प्रशासन और बीआरओ हाईवे को जल्द से जल्द खोलने में जुटे हुए हैं, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका के चलते हालात अब भी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।

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