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एचएमपीवी कोरोना की तरह गले के ऊपर कर रहा वार, लेकिन अब डरने की जरूरत नहीं, इन चीजों से बच कर रहें

04:45 PM Jan 14, 2025 IST | uttranews desk
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भारत में HMPV (ह्यूमन मेटानिमोवायरस) वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों बुजुर्गों और पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रभावित करता है।

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हाल ही में कर्नाटक तमिलनाडु और गुजरात में इसके कुछ मामले सामने आए हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की बजाय जागरूक रहना और जरूरी सावधानियां बरतना इस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. तरुण पाठक के अनुसार HMPV वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिसके कारण खांसी बुखार सांस लेने में कठिनाई नाक बहना और थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है खासकर जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।

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HMPV के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ लंबे समय तक खांसी नाक बंद होना बुखार और शरीर में कमजोरी शामिल हैं। CMO ने यह भी बताया कि इस वायरस के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है और इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

बुखार को कम करने के लिए पेरासिटामोल खांसी के लिए कफ सिरप और सांस की समस्या के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है। डॉ. पाठक ने यह स्पष्ट किया कि एचएमपीवी निमोनिया का ही एक रूप है क्योंकि इसके लक्षण काफी हद तक निमोनिया से मिलते-जुलते हैं।

हालांकि यह एक वायरल संक्रमण है और उचित देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि अगर किसी बच्चे या बुजुर्ग में इसके लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जाए।


HMPV के मामलों से बचाव के लिए कुछ सरल उपायों का पालन किया जा सकता है। CMO ने बताया कि साफ-सफाई का ध्यान रखना भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार लेना सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना और संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचना चाहिए।

इन उपायों को अपनाकर इस वायरस से बचाव किया जा सकता है। इस वायरस से डरने की बजाय सतर्क रहना और जरूरी सावधानियां बरतना सबसे अहम है। समय पर इलाज और जागरूकता से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

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Tags :
health newsHMPV VIRUS
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