हर जरूरी खबर

Custom Ad Block Detection
For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
आज मैं काम करके नहीं आया  घर में आटा नहीं है… नर्सरी क्लास के इस बच्चे का जवाब सुन रो पड़ा अध्यापक

आज मैं काम करके नहीं आया, घर में आटा नहीं है….नर्सरी क्लास के इस बच्चे का जवाब सुन रो पड़ा अध्यापक

07:02 PM Nov 26, 2024 IST | editor1
Advertisement

आज भी कई घर ऐसे है जो आर्थिक तंगी के चलते भूखे ही दिन गुजरते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। फिरोजपुर के कस्बा ममदोट से लगे गांव सैदे के नोल के एक नर्सरी क्लास के बच्चे का सोशल मीडिया पर वीडियो बड़े ही तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें बच्चा बहुत दर्द भरे शब्दों के अपने टीचर को बता रहा है कि मैं आज काम नहीं करके आया क्योंकि आटा नहीं था और खाना नहीं बना और मैं रोटी भी नहीं खा कर आया।

Advertisement
Advertisement

Advertisement

इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए जब एक न्यूज रिपोर्टर की टीम फिरोजपुर के इस गांव में पहुंची । जहां कर बच्चे और वीडियो बनाने वाले अध्यापक से बातचीत की गई तो अध्यापक ने बताया कि बच्चा बड़ी मासूमियत के साथ स्कूल का काम क्यों नहीं करके आया, इसके बारे में बता रहा था तो बच्चों की मासूमियत को देखते हुए उसने अचानक उसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया और जब बच्चे ने बताया कि उसके घर में आटा ना होने के कारण खाना नहीं बना और उसने खाना नहीं खाया तो अध्यापक बच्चे की इस बेबसी वाली वीडियो को बार-बार देखता रहा और किसी ने उसको यह सुझाव दिया कि अगर इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर देंगे तो शायद इस परिवार मदद के लिए कोई लोग आगे आ जाए। अध्यापक ने बताया कि उसको यह सुझाव अच्छा लगा और उसने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया जो अब बहुत तेजी के साथ वायरल हो रही है।

Advertisement

Advertisement

अध्यापक ने आगे बताया कि जब उसने इस बच्चे की यह वीडियो बनाई तो बच्चों द्वारा बोले गए शब्दों ने उसको रुला कर रख दिया। अध्यापक लखविंदर सिंह ने बताया कि इस बच्चे का नाम अमृत है और उसकी उम्र सिर्फ पांच वर्ष है जो अपने गांव के सरकारी स्कूल में नर्सरी क्लास में पढ़ता है। इस मासूम बच्चों के माता-पिता बहुत गरीब है। उसके पिता को अगर काम मिल जाता है तो घर में खाना बन जाता है और जब कभी काम नहीं मिलता तो कई बार उनको भूखे पेट भी सोना पड़ता है। इस बच्चे की मां ने बताया कि उस दिन भी कुछ ऐसा हुआ कि जब बच्चों को स्कूल भेजते समय उसने देखा तो घर में आटा नहीं था और अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए वह आसपास के 2 घरों में आटा मांगने गई मगर आटा नहीं मिल सका, जिस कारण उसे अपने बेटे अमृत को भूखे पेट स्कूल भेजना पड़ा। लोगों का मानना है कि गांव में लंगर तो बहुत लगाते हैं। मगर लंगर लगाने वाले और समाज सेवी संस्थाओं को ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए और ऐसे बेरोजगार लोगों को रोजगार के भी साधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए तांकि जो कोई भी बच्चा या गरीब परिवार भूखे पेट ना रह सके और कुछ और नहीं तो कम से कम ऐसे गरीब परिवारों को 2 वक्त की रोटी खाने के लिए जरूर मिले।

Advertisement