कोई चमत्कार करके दिखाए तो, हम… क्या बोले बागेश्वर बाबा पर शुक्राचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जानिए?
देशभर में बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कई सारे दरबार लगाए जाते है। जिसमें भारी संख्या में लोग अपने अपने समस्याओं को लेकर पहुंचते है। दरबार में वह लोगों के मन में क्या चल रहा है बिना पूछे ही बताने और उनकी समस्याओं के समाधान करने का दावा करते हैं।
वहीं एक दरबार में किसी शख्स के नाम की पर्ची खोली जाती है। उनके इस चमत्कार की देशभर में चर्चा की जा रही है। जिसपर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की प्रतिक्रिया सामने आई थी। इस दौरान उन्होंने बाबा बागेश्वर को चुनौती दी थी। हाल ही में एक बार फिर जब शंकराचार्य जी से बाबा बागेश्वर के चमत्कारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसपर फिर से प्रतिक्रिया दी है।
शंकराचार्य जी ने हाल ही में न्यूज तक को इंटरव्यू दिया। जिसमें उनसे पूछा गया कि आपको बाबा बागेश्वर के दरबार में होने वाले चमत्कारों पर आप कितना विश्वास करते हैं, वह कितने ठीक हैं? इस सवाल को सुनकर शंकराचार्य जी मुस्कुराने लगे और बोले कि इस पर मैं पहले भी कह चुका हूं। उन्होंने कहा कि हमारा ये मानना है कि हिंदू धर्म का प्रचार क्या है? हिंदू धर्म की जो बातें हैं उनका प्रचार करना। उन्होंने कहा कि हम चमत्कार किसी का नहीं मानते, कोई करके तो दिखाए। केवल उन्ही (बाबा बागेश्वर) की ही क्यों बात की जाए। कोई तो चमत्कारी निकल के सामने आ जाता।
इसके पहले शंकराचार्य जी ने बाबा बागेश्वर धाम के चमत्कारों पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि हम उनको व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते हैं। रायपुर में क्या प्रोग्राम हुआ इसको लेकर भी हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के आधार पर अगर वहां कोई भविष्य के बारे में बात की जा रही है तो वह शास्त्र की कसौटी पर है। उसको हम मान्यता देंगे, हम यह मानते हैं कि जो भी धर्मगुरुओं ने कहा है वह शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए। इसमें कुछ भी मनमाना नहीं होगा, उसको हम मान्यता देंगे।
इसके अलावा शंकराचार्य स्वामी ने जोशीमठ में धंसती जमीन को लेकर कहा था कि चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ में धंसती हुई जमीन को रोक दें तो तब उनके चमत्कार को मान लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने ये बात बिना नाम लिए कही थी। जिसपर बाबा बागेशवर धाम की प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं।