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आप भी खाते है पैरासिटामोल तो हो जाए सावधान  हार्ट अटैक जैसे बीमारियों का बढ़ रहा खतरा

आप भी खाते है पैरासिटामोल तो हो जाए सावधान, हार्ट अटैक जैसे बीमारियों का बढ़ रहा खतरा

11:04 AM Dec 15, 2024 IST | uttranews desk
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पैरासिटामोल को लेकर चौंकाने वाले मामले सामने आए हज। एक हालिया शोध में बताया गया है कि लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस दवा का सेवन करने से 65 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, हृदय विफलता (हार्ट फेल), उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), पेप्टिक अल्सर और गुर्दे से संबंधित जटिल बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

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आपको बता दें, इस दवा को आमतौर पर दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आप लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करते हैं तो खतरनाक हो सकता है।

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एनआईएचआर बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर वीय झांग का कहना है कि पैरासिटामोल को अक्सर पुराने जोड़ों के दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस) के इलाज के रूप में सुझाया जाता है। खासकर बुजुर्गों के लिए इसे काफी सही समझा जाता है क्योंकि वे अन्य दवाओं से संबंधित जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। हालांकि, इस दवा का लंबे समय तक खाना उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेल सकता है।

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हालांकि, कुछ अध्ययनों ने दर्द से राहत देने में पैरासिटामोल की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने वाले सबूत प्रदान किए हैं, जबकि अन्य अध्ययनों ने लंबे समय तक इसके उपयोग से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी बीमारियों जैसे अल्सर और रक्तस्राव, के बढ़ते खतरे को दर्शाया है।

ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि पैरासिटामोल खाने से पेप्टिक अल्सर रक्तस्राव और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव के खतरे में क्रमशः 24 प्रतिशत और 36 प्रतिशत की वृद्धि होती है। जबकि क्रोनिक किडनी रोग का खतरा 19 प्रतिशत, हृदय विफलता नौ प्रतिशत और उच्च रक्तचाप सात प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

आर्थराइटिस केयर एंड रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अध्ययन बुजुर्गों में गुर्दे, हृदय और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी बीमारियों की एक महत्वपूर्ण घटना को दर्शाता है, जिन्हें ब्रिटेन में बार-बार एसिटामिनोफेन (पैरासिटामोल) निर्धारित किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने 1,80,483 (1.80 लाख) लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड देखे, जिन्हें बार-बार पैरासिटामोल (छह महीने के भीतर दो से अधिक बार) दिया गया था। उनकी तुलना उसी उम्र के 4,02,478 (4.02 लाख) लोगों से की गई, जिन्हें कभी पैरासिटामोल नहीं दिया गया था। अध्ययन के लिए क्लिनिकल प्रैक्टिस रिसर्च डेटालिंक-गोल्ड के डेटा का विश्लेषण किया गया।

प्रतिभागियों की आयु 65 वर्ष या उससे अधिक (औसत आयु 75 वर्ष) थी और वे 1998 और 2018 के बीच कम से कम एक वर्ष के लिए यूके के एक सामान्य चिकित्सक के पास पंजीकृत थे।

डॉक्टरों ने सलाह दी है कि पैरासिटामोल का उपयोग केवल डॉक्टर की सिफारिश पर और आवश्यकता पड़ने पर ही करें। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने से बचना चाहिए, खासकर यदि आपको पहले से कोई हृदय या किडनी से जुड़ी समस्या है।

पैरासिटामोल की जगह अन्य विकल्पों पर करें विचार
डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि दर्द और बुखार के इलाज के लिए अन्य उपचार विकल्पों पर विचार किया जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव और प्राकृतिक उपचार जैसे हल्की एक्सरसाइज और संतुलित आहार को प्राथमिकता देना भी फायदेमंद हो सकता है।

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