आज के दौर में विभागीय लापरवाही के कई किस्से अपने सुने होंगे वैसे हैरानी इस बात की सबसे ज्यादा होती है कि किसी भी विभाग में चयनित होने वाले कर्मचारी योग्य और प्रशिक्षित माने जाते हैं। उसके बाद भी वह ऐसी गलती करते हैं ऐसे ही कुछ हुआ वाराणसी के रमना गांव की रहने वाली किशोरियों के साथ।बताया जा रहा है कि दीपावली के दौरान रमना गांव के तकरीबन 35 से अधिक किशोरियों के मोबाइल पर मैसेज गया जिसमें उनका पंजीकरण एक गर्भवती महिला के तौर पर किया गया था। इस मामले में शिकायत के पहले ही विभाग द्वारा डाटा डिलीट कर दिया गया और जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस भेजा गया।इस मामले में वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वाराणसी के रमना गांव की जानकारी मिली है, जहां कुछ किशोरियों का पंजीकरण गर्भवती महिला के तौर पर कर दिया गया है। उनको इसकी सूचना मोबाइल के द्वारा मिली थी विभाग द्वारा जब इस मामले में जांच की गई तो पता चला की आंगनवाड़ी महिला जो गर्भवती महिलाओं बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के साथ साथ BLO का भी कार्य करती है।एक योजना के उद्देश्य से आंगनबाड़ी महिलाओं द्वारा घर घर जाकर ग्रामीण परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड और फॉर्म इकट्ठा किया जा रहा था।वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि फॉर्म इकट्ठा करते समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एक गलती हो गई जिसमें आधार नंबर सहित दोनों फॉर्म मिक्स हो गए और इसके बाद इस आधार पर पंजीकरण हो गया। इसके बाद यह मैसेज किशोरियों को मिला लेकिन इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए शिकायत के पूर्व सारा डाटा क्लियर कर दिया गया। यह एक मानवीय भूल है और इस मामले में जिम्मेदार लोगों को नोटिस भी जारी की गई है।