संपादित आर्टिकल:2021 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सशस्त्र बल कर्मियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था। अब, इस घटना के तीन साल बाद, संसद की रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है।रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिपिन रावत का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर मानवीय चूक के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ। समिति ने इस दुर्घटना को भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण सीख बताते हुए मानव त्रुटियों पर गहन ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।Mi-17V5 हेलीकॉप्टर:जिस Mi-17V5 हेलीकॉप्टर से जनरल रावत यात्रा कर रहे थे, वह एक वीवीआईपी श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। इसमें दो इंजन लगे होते हैं और इसे दुनिया का सबसे उन्नत ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर माना जाता है। सेना इसका उपयोग दुर्गम इलाकों में सैन्य बलों और हथियारों के परिवहन, गश्ती, सर्च-एंड-रेस्क्यू मिशन और फायर सपोर्ट के लिए करती है।दुर्घटनाएं और आंकड़े:रिपोर्ट के अनुसार, 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान भारतीय वायुसेना के कुल 34 विमान दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 2021-22 में नौ विमान दुर्घटनाएं और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं शामिल हैं। अधिकांश मामलों में दुर्घटनाओं का कारण मानवीय चूक बताया गया है।ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह:इस हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बचे थे। उन्हें गंभीर हालत में वेलिंगटन से बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल भेजा गया था, लेकिन इलाज के दौरान एक सप्ताह बाद उनका भी निधन हो गया।क्या कहती है रिपोर्ट?रिपोर्ट में यह साफ कहा गया है कि हादसे का मुख्य कारण मानवीय त्रुटि थी। इस दुर्घटना ने न केवल भारतीय वायुसेना को बल्कि पूरे देश को सुरक्षा उपायों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता जताई।