क्या 500 का स्टार वाला नोट है नकली, इसका सच बताया सरकार ने, इस तरह कर सकतें हैं नकली नोटों की पहचान
आज के समय में नकली नोटों का चलन बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। यह साइबर अपराधी आपकी जेब ही नही काटते बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 500 रुपये के नोट पर स्टार वाला निशान नकली होने का संकेत है। लेकिन क्या ये सच है? आइए जानते हैं इस सच्चाई के बारे में।
बाजार में स्टार वाले निशान (*) वाले 500 रुपये के नोट चल रहे हैं। ऐसा ही एक नोट इंडसइंड बैंक में जमा करने गया तो वापस कर दिया गया। ये नोट फर्जी है। पर ये खबर पूरी तरह से गलत है! सरकार की फैक्ट चेक करने वाली एजेंसी PIB Fact Check ने इस मैसेज को झूठा बताया है। दरअसल, दिसंबर 2016 से ही स्टार निशान वाले 500 रुपये के नोट चलता आ रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2016 में ही स्टार वाले नोट जारी किए थे।
उस समय जारी की गई सूचना में RBI ने नए नोटों की खासियतों के बारे में बताया था।
इन नोटों में 500 रुपये लिखे होने के साथ ही महात्मा गांधी की तस्वीर (नई सीरीज), दोनों नंबर पैनल में अक्षर "E", गवर्नर के हस्ताक्षर और स्वच्छ भारत का लोगो होता है।
कुछ नोटों में नंबर लिखे होने के बीच में एक Excessive स्टार का निशान (*) होता है।
असली नोटों में खास तरह के कागज की वजह से अलग सा टच और फील होता है। ये नोट छूने में थोड़े खुरदरे लगते हैं, क्योंकि इन पर उभरे हुए अक्षर और आकृतियां होती हैं। नकली नोट छूने में अलग लगते हैं, इनमें वो खास स्पर्श नहीं होता और ये ज्यादा चिकने या नरम लग सकते हैं।
असली नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर का वाटरमार्क होता है। नोट को रोशनी के सामने पकड़कर देखें। वाटरमार्क साफ दिखना चाहिए और गांधीजी की तस्वीर हल्के ट्रांसपेरेंट दिखनी चाहिए। नकली नोटों में ये वाटरमार्क नहीं होता है या खराब नकल होता है।
असली नोटों में एक सिक्योरिटी थ्रेड होता है जो नोट के सामने की तरफ आधा दिखता है और सीधा जाता है। नकली नोटों में ये थ्रेड खराब कॉपी किया हुआ होता है या बिल्कुल नहीं होता।
असली नोटों पर छोटे अक्षर और काम्प्लेक्स डिजाईन होते हैं, जिनकी कॉपी करना मुश्किल होता है। असली नोटों में ये अक्षर साफ और पढ़ने लायक होते हैं। नकली नोटों में ये बारीक डिजाइन साफ नहीं होते या अक्षर धुंधले लगते हैं।
असली नोटों पर कुछ खास हिस्सों पर उभरे हुए अक्षर और आकृतियां होती हैं, जिन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है। ये उभरे हुए हिस्से असली नोटों में आसानी से छूने में आते हैं, जबकि नकली नोटों में ये या तो नहीं होते हैं या खराब नकल किए जाते हैं।