जयपुर में शुक्रवार कि सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा क्षेत्र में एलपीजी गैस से भरे टैंकर के यू टर्न लेने के दौरान पीछे से आ रहे ट्रक की टक्कर हो गई जिससे जोरदार धमाका हो गया। शुक्रवार कि सुबह लगभग छह बजे दिल्ली के पब्लिक स्कूल के समीप हादसा हुआ जिसमें जिंदा जलने से सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीन लोगों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। लगभग तीन दर्जन लोग झुलसे हैं। जिसमें 10 की हालत गंभीर है। इनमें से एक की देर रात मौत हो गई। हादसे में कुल 12 लोगों की मौत हो गई।टैंकर से उठी आग इतनी भीषण थी कि राजमार्ग से गुजर रहे और आसपास खड़े 40 से अधिक वाहन जलकर राख हो गए। उदयपुर से जयपुर की तरफ जा रही निजी स्लीपर बस भी जल गई। बस में 34 यात्री सवार थे, वहीं 20 झुलस गए। बस टैंकर के पीछे ही चल रही थी। आग बुझने के बाद तीन लोगों के शव को घटनास्थल से अस्पताल पहुंचाया गया। बस के चालक और परिचालक लापता हैं।टैंकर से गैस के रिसाव के बाद लगभग 200 फुट ऊंची लपटों से कई पक्षी भी झुलस गए। घटना पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भजनलाल ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए हादसे में मृतक के स्वजन को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर पहले अस्पताल फिर घटनास्थल पहुंचे। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हादसे में चार दर्जन से अधिक लोग झुलसे थे, जिनमें से 11 की मौत हो गई। 35 घायलों में से 26 की पहचान हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सीएम भजनलाल से बात कर हालात की जानकारी ली। राज्य सरकार ने मृतकों के स्वजन को पांच-पांच लाख और घायलों के स्वजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है।जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जार्ज जोसफ ने बताया कि टक्कर के बाद गैस से भरे टैंकर में नीचे की तरफ जो सुरक्षा वाल्व और नोजल लगे थे, वो टूट गए। टैंकर के नोजल से करीब 18 टन गैस हवा में फैल गई। घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर तक का इलाका गैस चैंबर बन गया।नोजल से ट्रक की टक्कर के कारण स्पार्किंग हुई और आग लगी, फिर एक-एक कर कई वाहन चपेट में आ गए। आग लगने से जयपुर और अजमेर राजमार्ग पर दोनों तरफ से तेजी से दौड़ रहे वाहन आपस में भिड़ गए, कुछ वाहन पलट गए। आपस में टकराने वाले वाहनों में एक ट्रक में गैस के सिलेंडर भरे थे, गनीमत रही वे नीचे नहीं गिरे।एक ट्रक में कपड़े भरे हुए थे, जो फैल गए, उनमें भी आग लग गई। एक ट्रक में माचिस भरी हुई थी, ट्रक पलटा तो माचिस के बड़े कार्टून सड़क पर फैल गए, इनसे भी आग फैली। घटना के बाद दो किलोमीटर तक इलाके में रहने वालों को घरों में ही रहने के लिए कहा गया। आसपास के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिए गए।घटनास्थल के एक किलोमीटर क्षेत्र में रह रहे लोगों को कुछ घंटों के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। आग की वजह से एक बाइक सवार का हेलमेट उसके चेहरे से चिपक गया। उसकी आंख जल गई। उसका गंभीर स्थिति में उपचार किया जा रहा है।गेल इंडिया कंपनी के उप प्रबंधक सुशांत सिंह ने बताया कि टक्कर के कारण टैंकर में लगे पांच नोजल टूटकर गिर गए और गैस चारों तरफ फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि टैंकर के नोजल से निकली गैस ने आग पकड़ी। हवा में तेजी से फैली गैस ने हादसे को भयावह कर दिया। बस का नहीं था परमिट हादसे में जो निजी ट्रैवल कंपनी की स्लीपर बस जलकर खाक हुई वह बिना परमिट ही दौड़ रही थी। बस का परमिट पिछले साल अगस्त में ही खत्म हो गया था।बस के एक यात्री ने बताया कि हादसे के समय अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई लोग तो कपड़े उतारकर आग से बचने के लिए भाग रहे थे।बिछिया से हुई महिला पुलिसकर्मी के शव की पहचानहादसे में महिला पुलिस कांस्टेबल अनीता मीणा की मौत हो गई। अनीता ड्यूटी पर जाने के लिए निकली थी, एक निजी वाहन में आग लगने से उनकी मौत हो गई। अनीता की पहचान पैर में लगी नेल पॉलिश और बिछिया से हुई। 28 साल की अनीता के दस साल की बेटी और सात साल का बेटा है।