जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस, भारत में क्या है बच्चों के अधिकार
हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती होती है। बाल दिवस मनाने का एकमात्र मकसद बच्चों को खुश करना है और उनके अधिकारों और उज्जवल भविष्य को जागरूक बनाना है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का कहना था कि बच्चे देश का भविष्य है। अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन से ही वह आगे बढ़ सकते हैं। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में बच्चों के क्या अधिकार है।
भारत में बच्चों के 10 अधिकार
भारत में बच्चों के कई मौलिक अधिकार संविधान और विभिन्न बाल अधिकार अधिनियमों में निहित है बच्चों के 10 प्रमुख अधिकार इस तरह है
1-समानता का अधिकार: हर बच्चे को कानून के अनुसार समान व्यवहार और सुरक्षा का पूरा अधिकार है (अनुच्छेद 14)
2-भेदभाव के खिलाफ अधिकार: बच्चों के साथ धर्म जाति और लिंग नल या जन्म के आधार पर कभी भी कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।(अनुच्छेद 15)
3-जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार: बच्चों को जीवन स्वतंत्रता और सुरक्षा का भी अधिकार प्राप्त है (अनुच्छेद 21)
4-शोषण से सुरक्षा का अधिकार: बच्चों को तस्करी और बंधुआ मजदूरी भी नहीं कराई जा सकती है (अनुच्छेद 23)
5-मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार: 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है (अनुच्छेद 21A).
6-खतरनाक रोजगार से सुरक्षा का अधिकार: 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक नौकरियां में काम पर नहीं रखा जा सकता है। (अनुच्छेद 24).
7-विकास का अधिकार: बच्चों को स्वास्थ्य सेवा, पोषण और समग्र विकास के अवसर मिलने चाहिए (अनुच्छेद 39(f))
8-भागीदारी का अधिकार: बच्चों को उन मामलों में अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है जो उन्हें प्रभावित करते हैं और उनकी राय को महत्व भी दिया जाना। (विभिन्न बाल अधिकार ढांचे के अनुसार)
9-पहचान का अधिकार: हर बच्चे को नाम, राष्ट्रीयता और पारिवारिक संबंधों का अधिकार है।
10-सुरक्षित वातावरण का अधिकार: बच्चों को सभी प्रकार के दुर्व्यवहार, हिंसा और शोषण से बचाया जाना चाहिए।
साल में दो बार मनाया जाता है बाल दिवस
भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 1954 में की थी।