हर जरूरी खबर

mobile-adCustom Ad Block Detection
For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
कोलकाता रेप मर्डर   हां वो चिल्ला रही थी  कैसे मारा था उस रात लेडी डॉक्टर को  संजय ने उगल दिया सच

कोलकाता रेप मर्डर : हां वो चिल्ला रही थी, कैसे मारा था उस रात लेडी डॉक्टर को? संजय ने उगल दिया सच

11:23 AM Aug 27, 2024 IST | उत्तरा न्यूज टीम
Advertisement

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले दरिंदे संजय रॉय ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार कातिल संजय रॉय ने सीबीआई की पूछताछ में बताया कि उसने ही ट्रेनी लेडी डॉक्टर की हत्या की है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement

उसने बताया कि महिला डॉक्टर की रेप के बाद इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि वह लगातार चिल्ला रही थी। दरअसल, 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ रेप की पुष्टि की गई।

Advertisement abhishek-joshi

Advertisement

सूत्रों की माने तो आरोपी संजय रॉय ने बताया, 'पीड़िता लगातार चिल्ला रही थी, इसलिए मैंने उसका जोर से गला दबाया और तब तक दबाकर रखा जब तक उसने दम नहीं तोड़ दिया।' सूत्रों का कहना है कि सजंय रॉय बाक्सिंग का अच्छा खिलाड़ी था।इसलिए पीड़िता उसके हाथों से खुद का बचाव नहीं कर पाई,और यही वजह है कि जब तक पीड़िता की जान न निकल गई, तब तक सजंय रॉय ने पीड़िता का गला दबाकर रखा। पीड़िता ने अपने बचाव के लिए आवाज भी लगाई। वो चिल्ला रही थी। संजय रॉय को डर था कि वह पकड़ा जाएगा। जिसके चलते उसने पीड़िता का गला दबाया।

सूत्रों ने बताया कि आरोपी सजंय रॉय ने अपने मेडिकल टेस्ट के दौरान भी इस बात का खुलासा किया था। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले का मुख्य आरोपी संजय रॉय ही है। संजय रॉय का 'पॉलीग्राफ टेस्ट' कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में किया गया। संजय रॉय उसी जेल में बंद है। 'पॉलीग्राफ टेस्ट' के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्‍नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ। सीबीआई ने रॉय और घोष समेत सात लोगों का 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' कराने के लिए अदालत से अनुमति ली है। इस टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता लेकिन इसके नतीजे एजेंसी को आगे की
जांच में एक दिशा प्रदान करेंगे।

Advertisement
×