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उत्तराखंड में शराब प्रतिबंधित क्षेत्र का दोबारा से दौरा किया जा रहा है। इसके लिए सरकार कमेटी भी गठित कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में इस बारे में ऐलान किया गुरुवार को कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने आबकारी नीति को लेकर कई सवाल किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सनातन धर्म की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रही और ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे क्षेत्रों में लगातार शराब बेची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया की गढ़वाल मंडल में मेट्रो मुद्रा नीति के तहत देसी शराब बेचने का काम शुरू कर दिया गया है।
काजी ने कहा कि पिरान कलियर क्षेत्र में भी 1.6 किमी के दायरे में शराब बेची जा रही है। सदन में प्रश्नों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि शराब नीति के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों की व्यवस्था पूर्व की भांति ही है।
हरिद्वार और ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में आज भी पूर्व की भांति शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व को देखते हुए गढ़वाल मंडल के पांच लोग में मेट्रो मथुरा की योजना शुरू की गई है, जिसके तहत औषधि वनस्पति और फलों का उपयोग किया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री ने इस दौरान बताया कि राज्य सरकार अगले साल की आबकारी नीति लागू करने से पहले प्रतिबंधित क्षेत्रों का परिसीमन कराएगी और ऐसे क्षेत्रों की पांच किमी क्षेत्र की समीक्षा की जाएगी। उनका कहना है कि इसके लिए कमेटी भी गठित की जाएगी काजी निजामुद्दीन ने सरकार की मेट्रो मदिरा पॉलिसी पर सवाल खड़े किए और कहा कि हम तो मेट्रो रेल की उम्मीद कर रहे थे लेकिन सरकार मेट्रो मदिरा की स्कीम लेकर आ गई। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने चुटकी लेते हुए जवाब दिया कि आप चिंता न करें हम मेट्रो रेल परियोजना पर भी काम कर रहे हैं।