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Mahakumbh: मौनी अमावस्या के लिए रात 8:00 से ही शुरू हो जाएगा महास्नान, 10 जिलों के डीएम और एसपी रहेंगे तैनात

12:52 PM Jan 28, 2025 IST | editor1
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महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अमृत पान की इच्छा को लेकर संगम की पावन धरा पर आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार के असुविधा न हो इसके लिए सारे प्रबंध किए गए हैं।

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लगभग 12 किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित सभी 44 घाटों पर स्नान करने की तैयारी कर दी गई है। घाटों पर एसडीएम के साथ सीओ, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को भी लगाया गया है। संगम तट के घाटों के साथ ही ऐरावत घाट व अरैल घाट पर आइएएस अधिकारियों और एडीएम व एसडीएम रैंक के पीसीएस अधिकारियों को लगाया गया है।

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इसके अलावा प्रयागराज समेत इसके आसपास चारों ओर स्थित 10 जिलों के डीएम व एसपी को भी लगा दिया गया है।

महाकुंभ के इस मुख्य अमृत स्नान पर्व पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है और इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दो दिन पहले से ही भारी भीड़ आने लगी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी संतो और कल्पवासियों तथा संस्थाओं के शिविर भर गए हैं। रैन बसेरा में भी अब जगह नहीं है।

शहर के होटल से लेकर मेला क्षेत्र में बनाए गए सरकारी व निजी टेंट सिटी का भी यही हाल है। मौनी स्नान का महायोग वैसे मंगलवार रात आठ बजे के करीब से शुरू हो जाएगा। मगर अखाड़ों का महास्नान बुधवार सुबह प्रारंभ होगा। अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है।

इस अमृत स्नान पथ पर अखाड़े के ही संत महात्मा उनके शिष्य व भक्त आ सकेंगे अखाड़े के लिए संगम तट पर अलग से स्नान घाट में बनाया गया है। जहां आम श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा पाएंगे। आम श्रद्धालुओं के लिए अलग से घाट बनाया गया है।

ऐरावत संगम घाट भी विकसित किया गया है जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर के राज्यों के श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर अरैल में स्नान घाट बनाए गए हैं।

दिल्ली, पश्चिमी उप्र, उत्तराखंड, हरियाणा-पंजाब से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए संगम से लेकर नागवासुकि तक घाट पर स्नान कराने की तैयारी है। ट्रेनों व बसों से आने वाले श्रद्धालुओं तथा निजी वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान कराकर शीघ्र ही सकुशल वापसी पर जोर रहेगा।

मौनी अमावस्या के स्नान पर प्रयागराज शहर के लोगों से चार पहिया वाहनों का प्रयोग न करने का अनुरोध भी किया गया है

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