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 मीडिया डायलॉग 2025  अल्मोड़ा में ओम थानवी का व्याख्यान – बदलते मीडिया और लोकतंत्र पर हुई गहन चर्चा

"मीडिया डायलॉग 2025: अल्मोड़ा में ओम थानवी का व्याख्यान – बदलते मीडिया और लोकतंत्र पर हुई गहन चर्चा"

07:25 PM Feb 09, 2025 IST | editor1
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"Media Dialogue 2025: Om Thanvi’s Lecture in Almora – In-depth Discussion on Changing Media and Democracy"

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अल्मोड़ा, रविवार [09/02/2025] – सभार मीडिया फाउंडेशन द्वारा ‘मीडिया और लोकतंत्र’ विषय पर दूसरा मीडिया संवाद शारदा पब्लिक स्कूल, अल्मोड़ा के ऑडिटोरियम में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। यह आयोजन पत्रकारों, मीडिया विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से किया गया, जहां मीडिया के बदलते स्वरूप और लोकतंत्र में उसकी भूमिका पर गहन चर्चा हुई।

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कार्यक्रम के पहले सत्र में वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व संपादक (जनसत्ता) और एचजेयू पत्रकारिता विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व कुलपति श्री ओम थानवी का ‘बदलता मीडिया, बदलता लोकतंत्र’ विषय पर मुख्य वक्तव्य हुआ। चार दशकों से अधिक के अपने पत्रकारिता अनुभव को साझा करते हुए, श्री थानवी ने भारतीय पत्रकारिता की गौरवशाली विरासत, उसके विकास, उसमें हुए बदलावों और वर्तमान मीडिया जगत की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

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ओम थानवी ने बदलते मीडिया स्वरूप पर कहा कि संचार की विषयवस्तु में वृद्धि और प्रसार में तेजी आई है।उन्होंने रेडियो के वैश्विक प्रचलन पर कहा कि भारत में भी रेडियो की लाइसेंसिंग कर इसके प्रसार का विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में मीडिया की शिक्षा तथा मीडिया में रोजगार बड़ा है।मीडिया और सोशल मीडिया में अंतर बताते हुए उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में प्रसारित सूचना ओर विचारों की विश्वसनीयता और नियंत्रण उस तरह नहीं है जिस तरह मुख्य धारा की पत्रकारिता का है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल सूचना जरिए नहीं है बल्कि पत्रकार समाज में समझ तथा विवेक भी स्थापित करता है जो लोकतंत्र को मजबूत करता है। हाल के वर्षों में पत्रकारिता का झुकाव जिस तरह सत्ता की ओर हो रहा है उस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की।उन्होंने बाजार से पत्रकारिता के प्रभावित होने की प्रक्रिया को भी समझाया।

दूसरे सत्र में मीडिया विशेषज्ञ डॉ. भूपेन सिंह की लिखी पुस्तक ‘क़ैद में मीडिया’ पर एक विमर्श आयोजित किया गया। डॉ. भूपेन ने अपनी पुस्तक के लेखकीय वक्तव्य के ज़रीए मीडिया की स्वतंत्रता और उस पर बढ़ते नियंत्रण को लेकर अपने विचार साझा किए। अपने लेखकीय वक्तव्य में डॉ. भूपेन ने कहा, भूपेंद्र सिंह ने कैद में मीडिया पुस्तक के बारे में बताते हुए कहा कि पत्रकारिता का असल इतिहास दो सौ,ढाई सौ साल का है। हाल के वर्षों में मीडिया के स्वरूप,दायित्वों में हो रहे परिवर्तन पर उन्होंने वैश्विक प्रवृति को सामने रखा।उन्होंने एक बेहतर पत्रकारिता के लिए सुझाव दिया कि प्रत्येक नागरिक के द्वारा दिए जानेवाले टैक्स का एक हिस्सा पत्रकारिता के लिए हो जिस पर ना तो सत्ता का नियंत्रण हो और ना ही कॉरपोरेट घराने का।

उनके संबोधन के बाद एक सवाल-जवाब सत्र आयोजित किया गया, जिसमें श्रोताओं ने विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रसिद्ध संगीतज्ञ प्रमोद जोशी और उनकी टीम द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक शानदार प्रस्तुति दी गई। इस संगीतमय सत्र में राग मुल्तानी पर आधारित रचनाओं पर प्रस्तुति दी गई. श्री प्रमोद जोशी के साथ कोमल पाठक (तानपुरा), जीवन चंद्र (हारमोनियम) और कमल जोशी (तबला) ने संगत की, जिससे वातावरण संगीतमय और समृद्ध हो गया।

साभार मीडिया फाउंडेशन की ओर श्री थ्रीश कपूर ने शारदा पब्लिक स्कूल के आयोजन को सफलता पूर्वक सह-आयोजित करने के लिए आभार जताया. उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करने वाली सभी संस्थाओं, व्यक्तियों और सैकड़ों की संख्या में आए दर्शकों को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम का संचालन नीरज पाँगती ने किया.

साभार मीडिया फ़ाउंडेशन भविष्य में भी इसी प्रकार मीडिया, लोकतंत्र और संस्कृति पर विचार-विमर्श के लिए ऐसे सार्थक आयोजनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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