मम्मी पापा मैं जा रही हूं, अब आपकी इज्जत को कुछ नहीं होगा…और पंखे से लटकर कर दी जीवन लीला समाप्त
एनएच-34 स्थित नगला शेखू गांव में बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा खुशी (19) ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। पुलिस को छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट मिला।
सुसाइड नोट में लिखा था कि मम्मी-पापा मैं आपको छोड़कर जा रही हूं। दुनिया वाले मतलबी होते हैं, किसी के सगे नहीं होते। आपकी इज्जत को अब कुछ नहीं होगा। इंचौली थाना क्षेत्र के नगला शेखू गांव में मोहन सैनी का परिवार रहता है। मोहन फिटकरी गांव स्थित पेपर मिल में काम करते हैं। उनकी इकलौती बेटी खुशी रजपुरा स्थित एफआईटी कॉलेज में बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा थी।
सोमवार सुबह छह बजे मोहन ड्यूटी के लिए चले गए थे। मां राधा पशुओं के लिए चारा लेने गईं थीं। छोटा भाई गगन स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था। करीब 9:30 बजे मां लौटी। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो जिस कमरे में खुशी सोई थी, उसका दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने आवाज लगाई, परंतु अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।
कमरे में लगे बिना ग्रिल वाले जंगले की खिड़की को तोड़कर अंदर जाकर देखा तो पंखे के हुक में बंधे दुपट्टे से खुशी फंदे पर लटकी हुई थी। जिसको नीचे उतारा गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इंचौली थाना प्रभारी नरेश कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे। वहीं मेज पर रखे रजिस्टर में सुसाइड नोट बरामद हुआ। कुछ परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने का विरोध किया। लेकिन पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सुसाइड नोट में यह लिखा
पापा मैं अब छोड़कर जा रही हूं, मम्मी आपको भी अब मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी। मैंने काफी गलतियां कीं पर आपने हमेशा मुझे समझाया और प्यार किया। कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। अब मैं आपसे दूर हो रही हूं, बाय। अब आपकी इज्जत को भी कुछ नहीं होगा। ये दुनिया वाले किसी के सगे नहीं होते हैं, किसी को कुछ भी कहेंगे। यह मतलबी हैं, जब काम होगा तो बात करेंगे। अब अगर कोई आपसे मेरे बारे में पूछे तो कह देना पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, डिप्रेशन में थी, बीटेक में फेल हो गई थी। फिर आपको कोई कुछ नहीं कहेगा।
टॉपर बेटी ये कदम उठाएगी सोचा भी नहीं था
पिता मोहन सैनी ने बताया कि खुशी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सरधना स्थित नवोदय विद्यालय से की थी। इसके बाद रजपुरा स्थित एफआईटी कॉलेज में बीटेक में प्रवेश लिया था। अभी वह द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह अपने बैच की टॉपर थी। बेटी ये कदम उठा लेगी, उन्होंने कभी सोचा नहीं था। उसने कभी किसी परेशानी के बारे में भी जिक्र नहीं किया।