Nainital Loksabha Seat: जब टूटा था नारायण दत्त तिवारी का पीएम बनने का सपना, जाने इस सीट का इतिहास
हेमराज सिंह चौहान
Nainital Loksabha Seat: उत्तराखंड की नैनीताल लोकसभा सीट कुमाऊं की दो लोकसभा सीटों में से एक है। ये सीट देश की राजनीति में खासा दखल रखती है। कभी यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी कई चुनाव जीते, लेकिन साल 1991 के लोकसभा चुनाव में जब वो कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद थे तो उन्हें इस सीट से हार मिली और उनका पीएम बनने का सपना टूट गया।
Nainital Loksabha Seat: साल 1991 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चुनाव प्रचार के दौरान हत्या कर दी गई थी। एनडी तिवारी के अनुभव को देखते हुए पीएम पद की पहली पसंद माना जा रहा था। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था. उन्हें बीजेपी के बलराज पासी ने इस चुनाव में हराकर सबको चौंका दिया था।
Nainital Loksabha Seat: भाजपा,कांग्रेस में है मुख्य मुकाबला
नैनीताल लोकसभा सीट में इस बार फिर से बीजेपी-कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होने की संभावना है. बीजेपी ने इस सीट से अजय भट्ट को अपना उम्मीदवार बनाया है,जिन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इस सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है, लेकिन कांग्रेस ने कल यानि 23 मार्च की शाम को जारी अपनी सूची में प्रकाश जोशी को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया है।
Nainital Loksabha Seat: नैनीताल लोकसभा सीट के अंतर्गत नैनीताल के अलावा ऊधमसिंह नगर जिला भी आता है, इस तरह से इस लोकसभा क्षेत्र में तराई के कई इलाके आते हैं। नैनीताल की 5 और उधमसिंह नगर की 9 विधानसभा सीटें इसके अंतर्गत आती हैं। नैनीताल जिले की लालकुंआ,भीमताल,नैनीताल,हल्द्वानी,कालाढूंगी विधानसभा इसमें आती हैं,जबकि नैनीताल जिले की रामनगर सीट गढ़वाल लोकसभा सीट में आती है। ऊधम सिंह नगर की बाजपुर,गदरपुर,जसपुर,काशीपुर,खटीमा,किच्छा,नानकमत्ता,रुद्रपुर और सितारगंज सीट मिलाकर इस जिले की 9 विधानसभा सीट इसमें आती हैं।
Nainital Loksabha Seat: साल 1952 में हुआ था इस सीट पर पहला चुनाव
साल 1952 में नैनीताल सीट में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद ये सीट नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के नाम से जानी जाती है। कभी यूपी के बरेली जिले का बहेड़ी इलाका भी इसी लोकसभा सीट में आता था। इस सीट से भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत के परिवार का भी खास नाता है।इस सीट से उनके दामाद, बेटे और बहू भी सांसद रह चुके हैं।
Nainital Loksabha Seat: शुरूवाती दौर में कांग्रेस का रहा है कब्जा,बाद में बीजेपी हुई हावी
इस सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस का कब्जा रहा।साल 1977 में हुए चुनाव से पहले के पांच चुनावों में यहां कांग्रेस विजयी रही थी। गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सीडी पंत ने यहां से दो चुनाव जीते,इसके बाद साल 1962 से लेकर 1971 तक गोविंद बल्लभ पंत के बेटे केसी पंत ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई। साल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर नारायण दत्त तिवारी इस सीट से पहली बार चुनाव जीते। साल 1996 और 1999 में भी यहां से एनडी तिवारी जीत के पहुंचे। साल 2004 और साल 2009 में केसी सिंह बाबा यहां से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे।
Nainital Loksabha Seat: 2014 में पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी जीते
साल 2014 में मोदी लहर में बीजेपी से सूबे के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने यहां से जीत दर्ज की। इस सीट पर कुल 2010800 मतदाता हैं, इसमें 1044611 पुरुष और 966135 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर 54 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं। नैनीताल-ऊधमसिंह लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो साल 1991 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या करीब 25 लाख थी। यहां ग्रामीण इलाकों में 63.11 फीसदी आबादी निवास करती है। वहीं शहरी इलाकों की बात करें तो ये आंकड़ा 36.89 फीसदी है। यहां करीब 16 फीसदी अनुसूचित जाति और 5 फीसदी अनुसूचित जनजाति निवास करती है। इस सीट पर करीब 15 फीसदी मुस्लिम जनसंख्या भी रहती है। यहां करीब 30 फीसदी ओबोसी वोटर भी हैं।