For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
निकोलस पूरन का  शॉकिंग  फैसला  29 की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट को क्यों कहा अलविदा

निकोलस पूरन का 'शॉकिंग' फैसला: 29 की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट को क्यों कहा अलविदा?

06:04 PM Jun 10, 2025 IST | editor1
Advertisement

क्रिकेट की दुनिया अजब-गजब फैसलों से भरी पड़ी है, और अक्सर फैंस हैरान रह जाते हैं जब कोई धुरंधर खिलाड़ी अपने करियर के शिखर पर अचानक कोई बड़ा कदम उठा लेता है। कुछ ऐसा ही हाल हुआ वेस्टइंडीज के तूफानी बल्लेबाज़ निकोलस पूरन के साथ। अभी तो वो सिर्फ 29 साल के हैं, उनका बल्ला IPL और टी20 इंटरनेशनल में आग उगल रहा था, लेकिन फिर भी उन्होंने अचानक वेस्टइंडीज के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का ऐलान कर दिया। सोचिए, इतनी कम उम्र में, जब क्रिकेटर्स का करियर परवान चढ़ता है, तो ऐसे फैसले के पीछे क्या वजह हो सकती है? आइए, इस अप्रत्याशित फैसले के हर पहलू पर खुलकर बात करते हैं।

Advertisement

Advertisement

उम्र बस 29, फॉर्म में आग — फिर क्यों लिया संन्यास?
यह बात किसी को भी हजम नहीं हो रही। आजकल खिलाड़ी 30-35 की उम्र तक टी20 और वनडे आराम से खेलते हैं, और 29 तो क्रिकेट में 'प्रीम टाइम' माना जाता है। यानी, पूरन तो अभी अपने करियर के सबसे बेहतरीन दौर में थे!

Advertisement

धमाकेदार आईपीएल फॉर्म: हाल ही में खत्म हुए IPL सीज़न में पूरन ने जो कमाल किया, वो सबके सामने है। उन्होंने पहली बार 500 से ज़्यादा रन बनाए और 40 छक्के जड़े – लीग में सबसे ज़्यादा। ये आंकड़े चीख-चीखकर बता रहे हैं कि पावर हिटर के तौर पर उनकी बाज़ी फर्स्ट क्लास चल रही थी।

Advertisement


टी20 में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन: टी20 इंटरनेशनल में तो वो वेस्टइंडीज के लिए सबसे ज़्यादा रन-स्कोरर हैं। पिछले साल उन्होंने इस फॉर्मेट में 170 छक्के जड़े थे। उनका बल्ला बता रहा था कि ताकत और टैलेंट का कोई सानी नहीं।
टी20 वर्ल्ड कप नज़दीक: अगले T20 वर्ल्ड कप में अब सिर्फ आठ महीने बाकी हैं। ऐसे में टीम के एक स्टार बल्लेबाज़ का यूं बाहर हो जाना, टीम के मिडिल ऑर्डर में एक बड़ा शून्य छोड़ जाता है।
इन सब वजहों से ये खबर सच में अटपटी लगती है। आमतौर पर खिलाड़ी इतनी कम उम्र में और इतने शानदार फॉर्म में संन्यास नहीं लेते। ये फैसला कुछ तो गहरा है, जो ऊपर से दिखाई नहीं दे रहा।

कप्तानी का दबाव: क्या इसने कोई भूमिका निभाई?
निकोलस पूरन ने 2022 में वेस्टइंडीज की लिमिटेड ओवर्स टीमों की कप्तानी भी संभाली थी। शुरुआत में सबको लगा था कि नया कप्तान टीम को नई दिशा देगा, लेकिन टीम का रिकॉर्ड औसतन ही रहा – 30 मैचों में से सिर्फ 8 जीत। टी20 वर्ल्ड कप 2022 में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी।

अब सवाल ये है कि क्या कप्तानी की नाकामी का दबाव उनके इस फैसले की एक वजह हो सकती है? कप्तानी में सफलता न मिलना, फैंस की उम्मीदें, मैनेजमेंट का दबाव और खुद की परफॉर्मेंस का संतुलन बनाना आसान नहीं होता। पूरन ने अपने बयान में कप्तानी को एक सम्मान बताया, लेकिन दबाव के असर को पूरी तरह नकारना मुश्किल है। हो सकता है कप्तानी के अनुभव ने उन्हें मानसिक रूप से थका दिया हो।

इंस्टाग्राम स्टेटमेंट: दिल की बात, जो हर कोई नहीं समझता
पूरन ने सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात कही। उन्होंने लिखा, "ये खेल जिससे हम इतना प्यार करते हैं, इसने मुझे बहुत कुछ दिया – खुशी, एक मकसद, यादगार लम्हें, और वेस्टइंडीज के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का गर्व… उस मरून जर्सी को पहनना, राष्ट्रगान सुनकर खड़े होना, मैदान में हर बार अपना सब कुछ झोंक देना – ये सब मेरे लिए अनमोल था।"

उन्होंने साफ किया कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का उनका चैप्टर अब बंद हो रहा है, पर वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए उनका प्यार कभी खत्म नहीं होगा। ये पढ़कर लगता है कि ये फैसला सिर्फ क्रिकेटिंग फॉर्म या स्टैट्स की गिनती से नहीं लिया गया है, बल्कि इसके पीछे कुछ गहरी भावनाएं, शायद मानसिक शांति की तलाश, या व्यक्तिगत जीवन के अहम पहलू जुड़े हैं। खिलाड़ी भी इंसान हैं, उन्हें भी मानसिक थकावट होती है, परिवार या निजी कारणों से उन्हें ब्रेक या संन्यास की ज़रूरत महसूस हो सकती है।

क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) का रिएक्शन और टीम का खालीपन
क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) ने भी पूरन की उपलब्धियों को सलाम किया। उन्होंने बयान में कहा कि पूरन "एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी और गेम-चेंजर" हैं। उन्होंने बताया कि पूरन ने टी20I में सबसे ज़्यादा 106 मैच खेले और 2,275 रनों के साथ टीम के टॉप रन-स्कोरर रहे। बोर्ड ने माना कि वेस्टइंडीज क्रिकेट पर उनका प्रभाव स्थायी छाप छोड़ेगा।

इसमें कोई शक नहीं कि मिडिल-ऑर्डर में पूरन जैसा तूफानी विकल्प अचानक निकल जाने से टीम को नई रणनीति बनानी पड़ेगी। युवा बल्लेबाज़ों को मौका तो मिलेगा, पर पूरन जैसा अनुभव और पावर-हिटिंग की कमी वेस्टइंडीज को ज़रूर खलेगी, खासकर अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए।

Advertisement