बताया जा रहा है कि देश में ऐसे 19 एयरपोर्ट है जहां पिछले कई महीनो से एक भी यात्री नहीं आया है। इसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मणिपुर, मध्य प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर के कई एयरपोर्ट शामिल हैं।इन एयरपोर्ट्स की लिस्ट में भोपाल, पटना श्रीनगर जैसे प्रमुख एयरपोर्ट का नाम भी शामिल है, जिनकी गिनती अभी तक सक्रिय हवाई अड्डों में होती थी।देश के करीब 52 हवाई अड्डे को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिला है जिनमें से 15 एयरपोर्ट ऐसे हैं, जहां से न तो कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित होती है और न ही यहां कोई अंतरराष्ट्रीय यात्री आता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के महीने में इन 15 एयरपोर्ट्स से एक भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित नहीं हुई।इस सूची में इम्फाल, कुशीनगर, पोर्ट ब्लेयर, राजकोट, तिरुपति, शिरडी, अगरतला, औरंगाबाद, गया, वड़ोदरा, भावनगर और जामनगर शामिल हैं।कुछ एयरपोर्ट्स पर तो घरेलू यात्री भी नहीं आते हैं और लंबे समय से इन जगहों पर बिना किसी यात्री या उड़ान के केवल इमारतें ही खड़ी हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि देश के पांच घरेलू एयरपोर्ट ऐसे हैं जहां सितंबर में एक भी उड़ान नहीं चली। इसमें सिक्किम का पॉकयोंग, असम का रुपसी, महाराष्ट्र का सोलापुर, हरियाणा का हिसार और कुशीनगर एयरपोर्ट शामिल हैं।कुशीनगर एयरपोर्ट को तो इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्टेटस भी मिला लेकिन अब तक यहां से कोई भी अंतरराष्ट्रीय और नहीं घरेलू उड़ने संचालित हुई हैं। इन एयरपोर्ट का हाल देश में हवाई यात्री की असमानता और आधारभूत ढांचे की कमजोरी को दिखाता है।सरकार और संबंधित एजेंसियों के लिए यह सवाल उठता है कि इन एयरपोर्ट्स पर यातायात बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं और क्या इन हवाई अड्डों का इस्तेमाल कुछ नए रूट्स और योजनाओं के तहत बढ़ाया जा सकता है?