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पिछले दिनों उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर देखने को मिला जिसके कारण कई दिनों तक गौरीकुंड केदारनाथ पैदल रास्ते पर घोड़ा और खच्चरों की आवाजाही बंद थी।
लेकिन अब श्रद्धालुओं के लिए एक खुशखबरी सामने आ रही है बताया जा रहा है कि अब यह सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे पूर्व पैदल मार्ग पर 16 अगस्त से श्रद्धालुओं की पैदल आवाजाही भी शुरू कर दी गई थी अब एक बार फिर से रास्ता शुरू होने से ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम तक बिना किसी परेशानी के जा सकते हैं।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल यातायात के बाद अब पैदल मार्ग घोड़ों और खच्चरों के लिए खुला है। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई की आपदा के कारण केदारनाथ धाम तक जाने वाला 19 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग 29 स्थान पर क्षतिग्रस्त हो गया था। उनका कहना है कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन और देखरेख के कारण अब इस रास्ते पर घोड़ा और खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वर्तमान में घोड़ों और खच्चरों का उपयोग करके की जा रही है। 31 जुलाई की रात को भारी बारिश और कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण केदारनाथ ट्रैकिंग मार्ग कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था जिससे 15000 से भी ज्यादा श्रद्धालु और स्थानीय लोग फंस गए थे जिसे बचाने के लिए लगातार हवाई और जमीनी बचाव अभियान चलाया गया और उन्हें सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया।